उत्तर नारी डेस्क
मौजूदा दौर में बेटियां अपनी शिक्षा और हुनर से कामयाबी की इबारत लिख रही हैं। इसमें लड़कियां, लड़कों से कहीं पीछे नहीं हैं, बल्कि हर क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दे रही हैं। साथ ही देश विदेश में देवभूमि का नाम रोशन भी कर रही हैं। इसी क्रम में अब देवभूमि की एक और बेटी का नाम जुड़ गया है। जिसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर राज्य का नाम रोशन किया है।
आपको बता दें उत्तरकाशी के छोटे से लौंथरू गांव की बेटी सविता कंसवाल ने 12 मई की सुबह नौ बजे नेपाल की एक एक्सपीडिशन कंपनी की मदद से तीन अन्य साथियों के साथ एवरेस्ट का सफल आरोहण किया है।
बताते चलें किसान परिवार में जन्मी सविता कंसवाल का जीवन संघर्ष से भरा रहा चार बहिनों में सबसे छोटी सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी ने खेती बाड़ी से ही परिवार का पालन पोषण किया। लेकिन सविता ने अपने बुजुर्ग पिता और मां को कभी भी पुत्र की कमी महसूस नहीं होने दी। बल्कि उनकी देखरेख और घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाली। इसके साथ ही सविता ने अपने हौसले के बूते पहाड़ से भी ऊंची विपरीत परिस्थितियों को घुटने टेकने को विवश कर एवरेस्ट विजेता बनी हैं।
सविता ने 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया। जिसके कुछ समय बाद एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया। इस संबंध में नेपाल की एक्सपीडिशन कंपनी के ओनर बाबू सेरपा ने सोशल मीडिया पर सविता के सफल आरोहण की जानकारी देते हुए बताया कि बीते बृहस्पतिवार की सुबह 6 बजे सविता ने टीम लीडर जय कोल्हटकर, फूरबा शेरपा और ओच्यू शेरपा के साथ माउंट एवरेस्ट फतह किया। इससे पूर्व सविता गंगोत्री हिमालय क्षेत्र नामचीन चोटियों के साथ ही दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) भी फतह कर चुकी हैं।
वहीं, बेटी सविता कंसवाल की इस उपलब्धि पर उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष ऋतू भूषण खंडूरी ने भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
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