ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
तृतीया, शुक्ल पक्ष
वैशाख
""""”"”"""""""”"”"”""""""""”"""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि----------- तृतीया 07:32:28 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र--------- मृगशिरा 30:15:18
योग---------- अतिगंड 17:05:05
करण--------------गर 07:32:28
करण----------- वणिज 20:45:19
वार------------------------बुधवार
माह----------------------- वैशाख 21गते
चन्द्र राशि------- वृषभ 16:44:43
चन्द्र राशि------------------ मिथुन
सूर्य राशि-------------------- मेष
रितु------------------------ वसंत
सायन---------------------- ग्रीष्म
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर-----------------------नल
संवत्सर (उत्तर)----------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)--------- 2078
शाका संवत---------------- 1944
कोटद्वार
सूर्योदय--------------- 05:39:05
सूर्यास्त---------------- 18:53:15
दिन काल------------- 13:14:09
रात्री काल------------- 10:45:04
चंद्रोदय---------------- 07:48:17
चंद्रास्त---------------- 22:15:11
लग्न---- मेष 19°22' , 19°22'
सूर्य नक्षत्र------------------ भरणी
चन्द्र नक्षत्र-----------------मृगशिरा
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
वे---- मृगशिरा 10:00:18
वो---- मृगशिरा 16:44:43
का---- मृगशिरा 23:29:46
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मेष 19:12 भरणी , 2 लू
चन्द्र =वृषभ 24°23 , मृगशिरा, 1 वे
बुध =वृषभ 08 ° 07' कृतिका ' 4 ए
शुक्र=कुम्भ 07 °05, उo भा o ' 2 थ
मंगल=कुम्भ 19°30 ' पूoभाo' 1 से
गुरु=मीन 03°30 ' ऊ o भा o, 1 दू
शनि=कुम्भ 00°33 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 28°55' कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 28°55 विशाखा , 3 ते
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 12:16 - 13:55 अशुभ
यम घंटा 07:18 - 08:58 अशुभ
गुली काल 10:37 - 12: 16अशुभ
अभिजित 11:50 -12:43 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:50 - 12:43 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 05:39 - 07:18 शुभ
अमृत 07:18 - 08:58 शुभ
काल 08:58 - 10:37 अशुभ
शुभ 10:37 - 12:16 शुभ
रोग 12:16 - 13:55 अशुभ
उद्वेग 13:55 - 15:35 अशुभ
चर 15:35 - 17:14 शुभ
लाभ 17:14 - 18:53 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:53 - 20:14 अशुभ
शुभ 20:14 - 21:35 शुभ
अमृत 21:35 - 22:55 शुभ
चर 22:55 - 24:16 शुभ
रोग 24:16 - 25:36 अशुभ
काल 25:36 - 26:57 अशुभ
लाभ 26:57 - 28:18 शुभ
उद्वेग 28:18 - 29:38 अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 05:39 - 06:45
चन्द्र 06:45 - 07:51
शनि 07:51 - 08:58
बृहस्पति 08:58 - 10:04
मंगल 10:04 - 11:10
सूर्य 11:10 - 12:16
शुक्र 12:16 - 13:22
बुध 13:22 - 14:29
चन्द्र 14:29 - 15:35
शनि 15:35 - 16:41
बृहस्पति 16:41 - 17:47
मंगल 17:47 - 18:53
🚩होरा, रात
सूर्य 18:53 - 19:47
शुक्र 19:47 - 20:41
बुध 20:41 - 21:35
चन्द्र 21:35 - 22:28
शनि 22:28 - 23:22
बृहस्पति 23:22 - 24:16
मंगल 24:16 - 25:10
सूर्य 25:10 - 26:03
शुक्र 26:03 - 26:57
बुध 26:57 - 27:51
चन्द्र 27:51 - 28:45
शनि 28:45 - 29:38
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मेष > 03:54 से 05:44 तक
वृषभ > 05:44 से 07:34 तक
मिथुन > 07:34 से 09:49 तक
कर्क > 09:49 से 12:06 तक
सिंह > 12:06 से 14:19 तक
कन्या > 14:19 से 06:30 तक
तुला > 06:30 से 06:45 तक
वृश्चिक > 06:45 से 08:59 तक
धनु > 08:59 से 23:00 तक
मकर > 23:00 से 00:52 तक
कुम्भ > 00:52 से 02:20 तक
मीन > 02:20 से 03:54 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
3 + 4 + 1 = 8 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 20:46 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*तृतीया तिथि वृद्धि
विनायक चतुर्थी व्रत
*सर्वार्थ सिद्धि योग अहोरात्र
* कोयला श्रमक दिवस
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
तैलाभ्यड्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि ।
तावद् भवति चाण्डालो यावत्स्नानं न चाचरेत् ।।
।। चा o नी o।।
शरीर पर मालिश करने के बाद, स्मशान में चिता का धुआ शरीर पर आने के बाद, सम्भोग करने के बाद, दाढ़ी बनाने के बाद जब तक आदमी नहा ना ले वह चांडाल रहता है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: पुरुषोत्तमयोग अo-15
अहं वैश्वानरो भूत्वा प्राणिनां देहमाश्रितः ।,
प्राणापानसमायुक्तः पचाम्यन्नं चतुर्विधम् ॥,
मैं ही सब प्राणियों के शरीर में स्थित रहने वाला प्राण और अपान से संयुक्त वैश्वानर अग्नि रूप होकर चार (भक्ष्य, भोज्य, लेह्य और चोष्य, ऐसे चार प्रकार के अन्न होते हैं, उनमें जो चबाकर खाया जाता है, वह 'भक्ष्य' है- जैसे रोटी आदि।, जो निगला जाता है, वह 'भोज्य' है- जैसे दूध आदि तथा जो चाटा जाता है, वह 'लेह्य' है- जैसे चटनी आदि और जो चूसा जाता है, वह 'चोष्य' है- जैसे ईख आदि) प्रकार के अन्न को पचाता हूँ॥,14॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता मिलेगी। आलस्य हावी रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। लाभ होगा।
🐂वृष
भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। कुसंगति से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे।
👫मिथुन
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। भाइयों से सहयोग मिलेगा। कुसंगति से हानि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🦀कर्क
बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। समय पर बाहर से धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। मातहतों का साथ नहीं मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा।
🐅सिंह
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी। प्रमाद न करें।
🙍♀️कन्या
पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। मान बढ़ेगा। किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा। लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी न करें।
⚖️तुला
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। नए काम मिल सकते हैं। कार्य से संतुष्टि रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। प्रमाद से बचें।
🦂वृश्चिक
फालतू खर्च होगा। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। इच्छाशक्ति प्रबल करें।
🏹धनु
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम हाथ में आएंगे। कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अज्ञात भय रहेगा। पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊मकर
योजना फलीभूत होगी। कार्यपद्धति में सुधार होगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। मेहनत सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें। विवेक का प्रयोग करें। भाग्य का साथ मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा।
🍯कुंभ
अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा। सुख-शांति बने रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें।
🐟मीन
अज्ञात भय रहेगा। अनहोनी की आशंका रहेगी। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कारोबार से लाभ होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
मोबाइल नंबर - 91 78953 06243
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