पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,
आषाढ़
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि---------- चतुर्दशी 05:51:29 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र--------- मृगशिरा 19:03:55
योग-------------- गण्ड 07:45:41
करण---------- शकुनी 05:51:30
करण--------- चतुष्पद 19:06:20
वार----------------------मंगलवार
माह---------------------- आषाढ14गते
चन्द्र राशि--------वृषभ 05:32:01
चन्द्र राशि------------------- मिथुन
सूर्य राशि------------------ मिथुन
रितु------------------------- ग्रीष्म
सायन------------------------ वर्षा
आयन------------------ उत्तरायण
सायन----------------- दक्षिणायण
संवत्सर---------------------- नल
संवत्सर (उत्तर)-----------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
विक्रम संवत (कर्तक) ---------2078
शक संवत------------------ 1944
🔯कोटद्वार उत्तराखड 🔯
सूर्योदय--------------- 05:27:36
सूर्यास्त--------------- 19:17:18
दिन काल------------- 13:49:42
रात्री काल--------------10:10:36
चंद्रोदय---------------- 05:46:48
चंद्रास्त---------------- 18:57:00
लग्न---- मिथुन 12°9' , 72°9'
सूर्य नक्षत्र-------------------- आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र---------------- मृगशिरा
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
✡️🔯 पद, चरण ✡️🔯
वो---- मृगशिरा 05:32:01
का----मृगशिरा 12:17:55
की---- मृगशिरा 19:03:55
कु---- आर्द्रा 25:49:57
🔯✡️ ग्रह गोचर 🔯✡️
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मिथुन 12:12 आर्द्रा , 2 घ
चन्द्र = वृषभ 29°23,मृगशिरा, 2 वो
बुध =वृषभ 22 ° 07' रोहिणी ' 4 वू
शुक्र=वृषभ 12°05, रोहिणी ' 1 ओ
मंगल=मेष 00°30 ' अश्विनी ' 1 चू
गुरु=मीन 12°30 ' उ o भा o, 3 झ
शनि=कुम्भ 00°33 ' उ o भा o ' 3 गु
राहू=(व) मेष 26°00' भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 26°00 विशाखा , 2 तू
🔯✡️ मुहूर्त प्रकरण 🔯✡️
राहू काल 15:50 - 17:34 अशुभ
यम घंटा 08:55 - 10:39 अशुभ
गुली काल 12:22 - 14:06 अशुभ
अभिजित 11:55 - 12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 08:14 - 09:09 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:21 - 24:17 अशुभ
✡️🔯चोघडिया, दिन🔯✡️
रोग 05:28 - 07:11 अशुभ
उद्वेग 07:11 - 08:55 अशुभ
चर 08:55 - 10:39 शुभ
लाभ 10:39 - 12:22 शुभ
अमृत 12:22 - 14:06 शुभ
काल 14:06 - 15:50 अशुभ
शुभ 15:50 - 17:34 शुभ
रोग 17:34 - 19:17 अशुभ
🔯✡️चोघडिया, रात✡️🔯
काल 19:17 - 20:34 अशुभ
लाभ 20:34 - 21:50 शुभ
उद्वेग 21:50 - 23:06 अशुभ
शुभ 23:06 - 24:23 शुभ
अमृत 24:23 - 25:39 शुभ
चर 25:39 - 26:55 शुभ
रोग 26:55 - 28:12 अशुभ
काल 28:12 - 29:28 अशुभ
🔯✡️होरा, दिन🔯✡️
मंगल 05:28 - 06:37
सूर्य 06:37 - 07:46
शुक्र 07:46 - 08:55
बुध 08:55 - 10:04
चन्द्र 10:04 - 11:13
शनि 11:13 - 12:22
बृहस्पति 12:22 - 13:32
मंगल 13:32 - 14:41
सूर्य 14:41 - 15:50
शुक्र 15:50 - 16:59
बुध 16:59 - 18:08
चन्द्र 18:08 - 19:17
✡️🔯होरा, रात🔯✡️
शनि 19:17 - 20:08
बृहस्पति 20:08 - 20:59
मंगल 20:59 - 21:50
सूर्य 21:50 - 22:41
शुक्र 22:41 - 23:32
बुध 23:32 - 24:23
चन्द्र 24:23 - 25:14
शनि 25:14 - 26:04
बृहस्पति 26:04 - 26:55
मंगल 26:55 - 27:46
सूर्य 27:46 - 28:37
शुक्र 28:37 - 29:28
🔯✡️ उदयलग्न प्रवेशकाल 🔯✡️
मिथुन > 04:48 से 06:04 तक
कर्क > 06:04 से 08:28 तक
सिंह > 08:28 से 10:32 तक
कन्या > 10:32 से 12:48 तक
तुला > 12:48 से 15:03 तक
वृश्चिक > 15:03 से 17:18 तक
धनु > 17:18 से 19:28 तक
मकर > 19:28 से 21:10 तक
कुम्भ > 21:10 से 22:44 तक
मीन > 22:44 से 23:10 तक
मेष > 23:10 से 01:54 तक
वृषभ > 01:54 से 04:48 तक
🔯✡️विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
🔯✡️दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🔯✡️ अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 15 + 3 + 1 = 34 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
✡️🔯 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 🔯✡️
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
🔯✡️ शिव वास एवं फल -:
30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
🔯✡️भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
🔯✡️ विशेष जानकारी 🔯✡️
चतुर्दशी तिथि वृद्धि
भौमवती अमावस्या
पितृकार्य अमावस्या
🔯✡️ शुभ विचार 🔯✡️
साधुभ्यस्ते निवर्तन्ते पुत्रामित्राणि बान्धवाः ।
ये च तैः सह गन्तारस्तध्दर्मात्सुकृतं कुलम् ।।
।। चा o नी o।।
पुत्र , मित्र, सगे सम्बन्धी साधुओं को देखकर दूर भागते है, लेकिन जो लोग साधुओं का अनुशरण करते है उनमे भक्ति जागृत होती है और उनके उस पुण्य से उनका सारा कुल धन्य हो जाता है
🔯✡️ सुभाषितानि 🔯✡️
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
काम्यानां कर्मणा न्यासं सन्न्यासं कवयो विदुः ।,
सर्वकर्मफलत्यागं प्राहुस्त्यागं विचक्षणाः ॥,
श्री भगवान बोले- कितने ही पण्डितजन तो काम्य कर्मों के (स्त्री, पुत्र और धन आदि प्रिय वस्तुओं की प्राप्ति के लिए तथा रोग-संकटादि की निवृत्ति के लिए जो यज्ञ, दान, तप और उपासना आदि कर्म किए जाते हैं, उनका नाम काम्यकर्म है।,) त्याग को संन्यास समझते हैं तथा दूसरे विचारकुशल पुरुष सब कर्मों के फल के त्याग को (ईश्वर की भक्ति, देवताओं का पूजन, माता-पितादि गुरुजनों की सेवा, यज्ञ, दान और तप तथा वर्णाश्रम के अनुसार आजीविका द्वारा गृहस्थ का निर्वाह एवं शरीर संबंधी खान-पान इत्यादि जितने कर्तव्यकर्म हैं, उन सबमें इस लोक और परलोक की सम्पूर्ण कामनाओं के त्याग का नाम सब कर्मों के फल का त्याग है) त्याग कहते हैं॥,2॥,
✡️🔯 दैनिक राशिफल ✡️🔯
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
आंखों को चोट व रोग से बचाएं। कीमती वस्तु गुम हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक किसी से भी न करें। नकारात्मकता रहेगी। अकारण क्रोध होगा। फालतू खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। जोखिम न लें।
🐂वृष
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। घर-बाहर सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। अचानक कहीं से लाभ के आसार नजर आ सकते हैं। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।
👫मिथुन
किसी भी निर्णय को लेने में जल्दबाजी न करें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान व कमजोरी महसूस होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। प्रमाद न करें।
🦀कर्क
जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें।
🐅सिंह
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रह सकती है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के उकसाने में न आकर महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लें, लाभ होगा।
🙍♀️कन्या
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। प्रमाद न करें।
⚖️तुला
रोजगार में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझ्कर निवेश करें। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। झंझटों से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
🦂वृश्चिक
कोर्ट व कचहरी में लंबित कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। सभी काम पूर्ण होंगे। जल्दबाजी न करें।
🏹धनु
बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे बाद में पछताना पड़े। जोखिम न लें।
🐊मकर
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी के अटके कामों में अनुकूलता आएगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ
कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसी विशेष क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा।
🐟मीन
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के मौके बार-बार प्राप्त होंगे। विवेक का प्रयोग करें। बेकार बातों में समय नष्ट न करें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। व्यापार की गति बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
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