पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
दिनाँक:-02/06/2022, गुरुवार
तृतीया, शुक्ल पक्ष
ज्येष्ठ
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि------------तृतीया 24:16:30 तक
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र----------- आर्द्रा 16:02:57
योग-------------- गण्ड 26:34:17
करण----------- तैतुल 11:01:37
करण-------------- गर 24:16:30
वार----------------------- गुरूवार
माह-------------------------- ज्येष्ठ19गते
चन्द्र राशि------------------ मिथुन
सूर्य राशि------------------ वृषभ
रितु------------------------- ग्रीष्म
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर----------------------- नल
संवत्सर (उत्तर) -------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)--------- 2078
शाका संवत-----------------1944
कोटद्वार उत्तराखंड
सूर्योदय--------------- 05:25:12
सूर्यास्त---------------- 19:09:23
दिन काल------------- 13:44:11
रात्री काल------------- 10:15:39
चंद्रोदय---------------- 07:19:47
चंद्रास्त---------------- 21:51:37
लग्न---- वृषभ 17°18' , 47°18'
सूर्य नक्षत्र----------------- रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र------------------- आर्द्रा
नक्षत्र पाया------------------- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
ङ---- आर्द्रा 09:17:01
छ---- आर्द्रा 16:02:57
के---- पुनर्वसु 22:48:44
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 17:12 रोहिणी , 3 वी
चन्द्र = मिथुन 14°23 , आर्द्रा , 3 ङ
बुध =वृषभ 01 ° 07' कृतिका ' 2 ई
शुक्र=मेष 10°05, अश्विनी ' 4 ला
मंगल=मीन 11°30 ' उoभाo' 3 झ
गुरु=मीन 09°30 ' उ o भा o, 2 थ
शनि=कुम्भ 01°33 ' उ o भा o ' 3 गु
राहू=(व) मेष 27°20' कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 27°20 विशाखा , 3 ते
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 14:00 - 15:43 अशुभ
यम घंटा 05:25 - 07:08 अशुभ
गुली काल 08:51 - 10:34 अशुभ
अभिजित 11:50 -12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 09:59 - 10:55 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:30 - 16:25 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:25 - 07:08 शुभ
रोग 07:08 - 08:51 अशुभ
उद्वेग 08:51 - 10:34 अशुभ
चर 10:34 - 12:17 शुभ
लाभ 12:17 - 14:00 शुभ
अमृत 14:00 - 15:43 शुभ
काल 15:43 - 17:26 अशुभ
शुभ 17:26 - 19:09 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 19:09 - 20:26 शुभ
चर 20:26 - 21:43 शुभ
रोग 21:43 - 23:00 अशुभ
काल 23:00 - 24:17 अशुभ
लाभ 24:17 - 25:34 शुभ
उद्वेग 25:34 - 26:51 अशुभ
शुभ 26:51 - 28:08 शुभ
अमृत 28:08 कयै - 29:25 शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 05:25 - 06:34
मंगल 06:34 - 07:43
सूर्य 07:43 - 08:51
शुक्र 08:51 - 09:59
बुध 09:59 - 11:09
चन्द्र 11:09 - 12:17
शनि 12:17 - 13:26
बृहस्पति 13:26 - 14:35
मंगल 14:35 - 15:43
सूर्य 15:43 - 16:52
शुक्र 16:52 - 18:01
बुध 18:01 - 19:09
🚩होरा, रात
चन्द्र 19:09 - 20:01
शनि 20:01 - 20:52
बृहस्पति 20:52 - 21:43
मंगल 21:43 - 22:35
सूर्य 22:35 - 23:26
शुक्र 23:26 - 24:17
बुध 24:17 - 25:09
चन्द्र 25:09 - 25:59
शनि 25:59 - 26:51
बृहस्पति 26:51 - 27:42
मंगल 27:42 - 28:34
सूर्य 28:34 - 29:25
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
वृषभ > 03:38 से 05:38 तक
मिथुन > 05:36 से 07:49 तक
कर्क > 07:49 से 10:06 तक
सिंह > 10:06 से 12:14 तक
कन्या > 12:14 से 14:30 तक
तुला > 14:30 से 16:45 तक
वृश्चिक > 16:45 से 19:06 तक
धनु > 19:06 से 21:06 तक
मकर > 21:06 से 22:52 तक
कुम्भ > 22:52 से 00:25 तक
मीन > 00:25 से 01:52 तक
मेष > 01:52 से 03:38 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
3 + 5 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है।
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
रम्भा तीज
सर्वार्थ सिद्धि योग 16:03 से
जगद्गुरु निंबार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज का 79 वा पाटोत्साव
महाराणा प्रताप जयंती (तिथि से)
हल्दीघाटी मेला (राज०)
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
गुणो भूषयते रूपं शीलं भूषयते कुलम् ।
सिध्दिर्भूषयते वद्यां भोगी भूषयते धनम् ।।
।। चा o नी o।।
नीति की उत्तमता ही व्यक्ति के सौंदर्य का गहना है। उत्तम आचरण से व्यक्ति उत्तरोत्तर ऊँचे लोक में जाता है। सफलता ही विद्या का आभूषण है। उचित विनियोग ही संपत्ति का गहना है।
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: श्रद्धात्रयविभागयोग अo-17
त्रिविधा भवति श्रद्धा देहिनां सा स्वभावजा।,
सात्त्विकी राजसी चैव तामसी चेति तां श्रृणु॥,
श्री भगवान् बोले- मनुष्यों की वह शास्त्रीय संस्कारों से रहित केवल स्वभाव से उत्पन्न श्रद्धा (अनन्त जन्मों में किए हुए कर्मों के सञ्चित संस्कार से उत्पन्न हुई श्रद्धा ''स्वभावजा'' श्रद्धा कही जाती है।,) सात्त्विकी और राजसी तथा तामसी- ऐसे तीनों प्रकार की ही होती है।, उसको तू मुझसे सुन॥,2॥,*
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आकस्मिक लाभ व निकटजनों की प्रगति से मन में प्रसन्नाता रहेगी। परिश्रम से स्वयं के कार्यों में भी शुभ परिणाम आएँगे। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।
🐂वृष
परीक्षा आदि में सफलता मिलेगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आय से अधिक व्यय न करें। परोपकार में रुचि बढ़ेगी। पारिवारिक कष्ट एवं समस्याओं का अंत संभव है।
👫मिथुन
शत्रु सक्रिय रहेंगे। कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें, जोखिम न लें। किसी शुभचिंतक से मेल-मुलाकात का हर्ष होगा। संतान की आजीविका संबंधी समस्या का हल निकलेगा। लापरवाही से काम न करें।
🦀कर्क
बेरोजगारी दूर होगी। विवाद न करें। संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। आय बढ़ेगी। मन में उत्साहपूर्ण विचारों के कारण समय सुखद व्यतीत होगा। मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। अनायास धन लाभ के योग हैं। व्यापार में वांछित उन्नति होगी।
🐅सिंह
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। दूर रहने वाले व्यक्तियों से संपर्क के कारण लाभ हो सकता है। नई योजनाओं का सूत्रपात होने के योग हैं। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। व्यर्थ संदेह न करें।
🙍♀️कन्या
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। नए कार्यों से जुड़ने का योग बनेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। इच्छित लाभ होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा हो सकती है।
⚖️तुला
कानूनी अड़चन दूर होगी। अध्यात्म में रुचि रहेगी। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रुके धन के लिए प्रयत्न जरूर करें। कार्य का विस्तार होगा। दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप से बचें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। विलासिता के प्रति रुझान बढ़ेगा।
🦂वृश्चिक
बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। भागदौड़ रहेगी। आय में कमी होगी। किसी कार्य में प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से जुड़ने की प्रवृत्ति आपके लिए शुभ रहेगी। राज्यपक्ष से लाभ होगा। अपने काम से काम रखें। दांपत्य सुख प्राप्त होगा।
🏹धनु
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। प्रयास अधिक करने पर भी उचित सफलता मिलने में संदेह है। कार्य में विलंब के भी योग हैं। आर्थिक हानि हो सकती है। पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण रहेगा।
🐊मकर
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। अर्थ प्राप्ति के योग बनेंगे। विवादों से दूर रहना चाहिए। पिता से व्यापार में सहयोग मिल सकेगा। सरकारी मसले सुलझेंगे। सकारात्मक सोच बनेगी।
🍯कुंभ
कार्यस्थल पर परिवर्तन लाभ में वृद्धि करेगा। योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। कष्ट होगा। पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ने से व्यस्तता बढ़ेगी। कार्य में नवीनता के भी योग हैं। संतान के व्यवहार से समाज में सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
🐟मीन
उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। व्यर्थ समय नष्ट न करें। रुका पैसा मिलेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। व्यय होगा।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
मोबाइल नंबर - 91 78953 06243
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