उत्तर नारी डेस्क
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, घूसखोरी की खबर पर एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी भरत सिंह राणा को राशन कार्डो से संबंधित तमाम आवश्यक पत्रावलियो के साथ अपने कार्यालय में तलब किया। एसडीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सरकार की पारदर्शी नीति के तहत पात्रों को बीपीएल राशन कार्ड की सुविधा बिना किसी परेशानी के उपलब्ध कराई जाए।
नगर का क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय भ्रष्टाचार की जननी बना हुआ है। गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले तमाम पात्र लोग बीपीएल राशन कार्ड बनवाने हेतु आवेदन पत्र भरकर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं परंतु ऊंची पहुंच व रसूखदार न होने के कारण उनके बीपीएल राशन कार्ड से संबंधित आवेदन पत्र जमा नहीं हो सके। लोगों की माने तो पात्र लोग बीपीएल राशन कार्ड एवं राशन कार्ड आन लाइन कराने के लिए सुविधा शुल्क ना दे पाने के कारण अपने हक से वंचित हैं। इसी को लेकर दैनिक शाह टाइम्स समाचार पत्र ने अपने दिनांक 21 जुलाई के अंक में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए प्रमुखता से खबर छापी थी। खबर का संज्ञान लेते हुए एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने दूरभाष पर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी भरत सिंह राणा से जानकारी चाहिए उनकी बात से संतुष्ट न होने पर एसडीएम ने राशन कार्डो से संबंधित तमाम पत्रावलिया लेकर उनके कार्यालय में आने का भरत सिंह राणा को फरमान जारी कर दिया। पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसडीएम ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की वह अपने स्तर से जांच कराएंगे तथा दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। एसडीएम ने कहा कि सरकार की पारदर्शी नीति का लाभ पात्र परिवारों को मिलना चाहिए तथा सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ प्रत्येक पात्र परिवार तक पहुंचना चाहिए जिसका वह बखूबी पालन कराने के लिए संकल्पित है।
किस के आदेश पर तैनात है कंप्यूटर ऑपरेटर, किस मद से दिया जा रहा है उसे वेतन ।
बाक्स ---क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय में लंबे समय से तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर किस के आदेश पर कार्यरत है तथा उसका वेतन किस मद से दिया जा रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हमारे संवाददाता द्वारा जानकारी प्राप्त की गई के आधार पर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय में लम्बे समय से तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर ना तो संविदा पर और ना ही सरकारी तौर पर कार्यरत है और ना ही किसी प्राइवेट संस्था के द्वारा किसी टेंडर के आधार पर रखा गया है तो फिर इस सब के बावजूद कंप्यूटर ऑपरेटर को काम के बदले वेतन कहां से प्राप्त हो रहा है एक सोचनीय तथ्य है।
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