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एंबुलेंस न मिलने से हुई गर्भवती महिला की मौत

उत्तर नारी डेस्क 

सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन कई बार जमीनी हकीकत इससे जुदा होती है। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पलात ले जाने के लिए एम्बुलेंस नसीब नहीं हुई और महिला की मौत हो गई। वहीं, समाचार माध्यमों में ये खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ महकमा जागा है। जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए विभाग ने आदेश दिए हैं। 

बता दें, बीते मंगलवार को उत्तरकाशी में एंबुलेंस के इंतजार में गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि विकासखंड नौगांव के सरनोल गांव निवासी मनोज की पत्नी ललिता दूसरे बच्चे के प्रसव के लिए अपने मायके पुरोला के कंडियाल गांव आई हुई थी। सोमवार रात करीब 12 बजे प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला ले गए। चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसी बीच रास्ते में प्रसव पीड़ा तेज होने के कारण परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव ले गए। प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने गर्भवती को हायर सेंटर ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। लेकिन एंबुलेंस को आने में देर हो गयी और सुबह तकरीबन चार बजे गर्भवती महिला की भी मौत हो गयी। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि गर्भ में पल रहा शिशु की पहले ही मौत हो चुकी थी।

समाचार माध्यमों में ये खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ महकमा जागा है। जिसके बाद इस मामले को प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ.आर राजेश कुमार ने गंभीरता से लिया गया और डीजी हेल्थ को प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए हैं। प्रभारी सचिव ने डीजी हेल्थ को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसा घटनाक्रम राज्य में दोबारा न हो। इसके लिए 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा की व्यक्तिगत रूप से मॉनीटरिंग की जाए। जिससे आम लोगों को 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा का लाभ मिल सके। 

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