पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष,
श्रावण
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि-----------चतुर्थी 29:12:44 तक
पक्ष------------------------शुक्ल
नक्षत्र----पूर्वा फाल्गुनी 16:05:16
योग------------परिघ 19:02:05
करण-----------वणिज 16:48:18
करण-------विष्टि भद्र 29:12:44
वार----------------------सोमवार
माह----------------------- श्रावण17गते
चन्द्र राशि------- सिंह 22:28:15
चन्द्र राशि--------------------कन्या
सूर्य राशि------------------- कर्क
रितु--------------------------वर्षा
आयन-----------------दक्षिणायण
संवत्सर----------------नल
संवत्सर (उत्तर)--------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)-----------2078
शक संवत------------------ 1944
कोटद्वार उत्तराखण्ड
सूर्योदय--------------- 05:43:35
सूर्यास्त----------------19:07:10
दिन काल-------------13:23:35
रात्री काल-------------10:36:56
चंद्रोदय--------------- 08:39:55
चंद्रास्त----------------21:34:46
लग्न---- कर्क 14°36' , 104°36'
सूर्य नक्षत्र-------------------- पुष्य
चन्द्र नक्षत्र----------- पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया------------------- रजत
🏵️🏵️ पद, चरण 🏵️🏵️
टी---- पूर्वा फाल्गुनी 09:40:47
टू---- पूर्वा फाल्गुनी 16:05:16
टे---- उत्तरा फाल्गुनी 22:28:15
टो---- उत्तरा फाल्गुनी 28:49:41
🏵️🏵️🏵️दैनिक ग्रह 🏵️🏵️🏵️
🏵️ ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद🏵️
==========================
🔷सूर्य=कर्क 14:12 पुष्य , 4 ड़
🔷चन्द्र = सिंह 21 °23,पूo फ़ाo , 3 टी
🔷बुध =सिंह 00 ° 07' मघा ' 1 मा
🔷शुक्र=मिथुन 22°05, पुनर्वसु ' 1 के
🔷मंगल=मेष 23°30 ' भरणी ' 3 ले
🔷गुरु=मीन 14°30 ' उ o भा o, 4 ञ
🔷शनि=कुम्भ 29°33 ' धनिष्ठा ' 2 गी
🔷राहू=(व) मेष 24°15' भरणी , 4 लो
🔷केतु=(व) तुला 24°15 विशाखा , 2 तू
🏵️🏵️ मुहूर्त प्रकरण🏵️🏵️
राहू काल 07:24 - 09:04 अशुभ
यम घंटा 10:45 - 12:25 अशुभ
गुली काल 14:06 - 15:46 अशुभ
अभिजित 11:59 - 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 12:52 - 13:46 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:33 - 16:26 अशुभ
🏵️चोघडिया, दिन
अमृत 05:44 - 07:24 शुभ
काल 07:24 - 09:04 अशुभ
शुभ 09:04 - 10:45 शुभ
रोग 10:45 - 12:25 अशुभ
उद्वेग 12:25 - 14:06 अशुभ
चर 14:06 - 15:46 शुभ
लाभ 15:46 - 17:27 शुभ
अमृत 17:27 - 19:07 शुभ
🏵️चोघडिया, रात
चर 19:07 - 20:27 शुभ
रोग 20:27 - 21:46 अशुभ
काल 21:46 - 23:06 अशुभ
लाभ 23:06 - 24:26 शुभ
उद्वेग 24:26 - 25:45 अशुभ
शुभ 25:45 - 27:05 शुभ
अमृत 27:05 - 28:25 शुभ
चर 28:25 - 29:44 शुभ
🏵️होरा, दिन🏵️
चन्द्र 05:44 - 06:51
शनि 06:51 - 07:58
बृहस्पति 07:58 - 09:04
मंगल 09:04 - 10:11
सूर्य 10:11 - 11:18
शुक्र 11:18 - 12:25
बुध 12:25 - 13:32
चन्द्र 13:32 - 14:39
शनि 14:39 - 15:46
बृहस्पति 15:46 - 16:53
मंगल 16:53 - 18:00
सूर्य 18:00 - 19:07
🏵️होरा, रात
शुक्र 19:07 - 20:00
बुध 20:00 - 20:53
चन्द्र 20:53 - 21:46
शनि 21:46 - 22:39
बृहस्पति 22:39 - 23:33
मंगल 23:33 - 24:26
सूर्य 24:26 - 25:19
शुक्र 25:19 - 26:12
बुध 26:12 - 27:05
चन्द्र 27:05 - 27:58
शनि 27:58 - 28:51
बृहस्पति 28:51 - 29:44
🏵️🏵️ उदयलग्न प्रवेशकाल 🏵️🏵️
◼️कर्क > 03:50 से 06:06 तक
◼️सिंह > 06:06 से 08:16 तक
◼️कन्या > 08:16 से 10:26 तक
◼️तुला > 10:26 से 12:41 तक
◼️वृश्चिक > 12:41 से 14:56 तक
◼️धनु > 14:56 से 17:16 तक
◼️मकर > 17:16 से 19:00 तक
◼️कुम्भ > 19:00 से 20:32 तक
◼️मीन > 20:32 से 21:06 तक
◼️मेष > 21:06 से 11:38 तक
◼️वृषभ > 11:38 से 01:30 तक
◼️मिथुन > 01:30 से 03:50 तक
🏵️🏵️विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
🏵️🏵️दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🏵️🏵️ अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
4 + 2 + 1 = 7 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🏵️🏵️ ग्रह मुख आहुति ज्ञान 🏵️🏵️
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
🏵️ शिव वास एवं फल -:
4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक
🏵️🏵️भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
सांय 16:46 से रात्रि 29:13 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
🏵️🏵️ विशेष जानकारी 🏵️🏵️
विनायक चतुर्थी
दुर्वा गणपति व्रत
रोटक व्रतारंभ
महर्षि टंडन जयंती
🏵️🏵️ शुभ विचार 🏵️🏵️
गुरुरग्निर्द्वि जातीनां वर्णानां ब्राह्मणो गुरुः ।
पतिरेव गुरुः स्त्रीणां सर्वस्याभ्यागतो गुरुः ।।
।। चा o नी o।।
ब्राह्मणों को अग्नि की पूजा करनी चाहिए . दुसरे लोगों को ब्राह्मण की पूजा करनी चाहिए . पत्नी को पति की पूजा करनी चाहिए तथा दोपहर के भोजन के लिए जो अतिथि आये उसकी सभी को पूजा करनी चाहिए .
🏵️🏵️ सुभाषितानि 🏵️🏵️
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
सुखं त्विदानीं त्रिविधं श्रृणु मे भरतर्षभ।,
अभ्यासाद्रमते यत्र दुःखान्तं च निगच्छति॥,
यत्तदग्रे विषमिव परिणामेऽमृतोपमम्।,
तत्सुखं सात्त्विकं प्रोक्तमात्मबुद्धिप्रसादजम्॥,
हे भरतश्रेष्ठ! अब तीन प्रकार के सुख को भी तू मुझसे सुन।, जिस सुख में साधक मनुष्य भजन, ध्यान और सेवादि के अभ्यास से रमण करता है और जिससे दुःखों के अंत को प्राप्त हो जाता है, जो ऐसा सुख है, वह आरंभकाल में यद्यपि विष के तुल्य प्रतीत (जैसे खेल में आसक्ति वाले बालक को विद्या का अभ्यास मूढ़ता के कारण प्रथम विष के तुल्य भासता है वैसे ही विषयों में आसक्ति वाले पुरुष को भगवद्भजन, ध्यान, सेवा आदि साधनाओं का अभ्यास मर्म न जानने के कारण प्रथम 'विष के तुल्य प्रतीत होता' है) होता है, परन्तु परिणाम में अमृत के तुल्य है, इसलिए वह परमात्मविषयक बुद्धि के प्रसाद से उत्पन्न होने वाला सुख सात्त्विक कहा गया है॥,36-37॥,
🏵️🏵️ दैनिक राशिफल 🏵️🏵️
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। देनदारी कम होगी। नौकरी में मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट आदि से बड़ा फायदा हो सकता है। परिवार की चिंता बनी रहेगी।
🐂वृष शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। झंझटों में न पड़ें।
👫मिथुन शत्रुओं का पराभव होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के बहकावे में न आएं। फालतू बातों पर ध्यान न दें। लाभ में वृद्धि होगी।
🦀कर्क पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की बाधा दूर होगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होगी।
🐅सिंह किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।
🙍♀️कन्या कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।
⚖️तुला मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।
🦂वृश्चिक बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।
🏹धनु पुराना रोग उभर सकता है। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊मकर व्यवसाय में ध्यान देना पड़ेगा। व्यर्थ समय न गंवाएं। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। थकान रहेगी। कुसंगति से बचें। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रुभय रहेगा।
🐟मीन कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद में न पड़ें। अपेक्षाकृत कार्य समय पर होंगे। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। प्रमाद न करें।
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