उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में जल्द ही 7 नए जिलों के गठन का रास्ता साफ हो सकता है। सरकार ने इस बात के संकेत दे दिए है। उत्तराखण्ड सरकार इसके लिए जल्द जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के साथ जनता का सुझाव लेने जा रही है। इसके साथ ही नए जिलों के गठन को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि प्रदेश में 6 से 7 नए जिले बनाए जा सकते हैं। जिसको लेकर प्रदेश की जनता के साथ चर्चा की जाएगी। इसके तहत, ऋषिकेश, पुरोला, रूड़की, कोटद्वार, काशीपुर, रानीखेत व डीडीहाट शहरों पर विचार किया जा रहा है।
आपको बता दें बीते बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में लंबे समय से नए जिलों के गठन की मांग चली आ रही है। सरकार इस दिशा में भी आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसके लिए जनता से सुझाव भी लिए जाएंगे। उन्होंने संकेत दिया कि गढ़वाल में चार तो कुमाऊं मंडल में तीन नए जिले बन सकते हैं। सीएम धामी ने कहा कि कहां-कहां जिलों का पुनर्गठन हो सकता है और आवश्यकता क्या है, इसी पर जनता के साथ राय मशविरा किया जाएगा। इसके बाद जो भी निष्कर्ष सामने आएगा, उसके आधार पर नए जिले बनाए जा सकते हैं।
वहीं, नए जिलों के गठन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि पेपर लीक मामले से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बात तो नहीं हो रही हैं। उनका कहना है कि नए राज्यों का गठन प्रदेश के हित में होगा या नहीं यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अच्छी तरह से जानते हैं। क्योंकि नए जिलों के गठन के लिए धनराशि की जरूरत पड़ती है। फिलहाल देखना होगा कि प्रदेश सरकार नए जिलों के गठन के लिए गठन के लिए क्या कदम उठाती है, मगर नए जिलों के गठन से पहले प्रदेश में एक बार सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है।
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