Uttarnari header

uttarnari

उत्तराखण्ड विधान सभा कर्मियों की बर्खास्तगी पर HC ने अग्रिम आदेश तक लगाई रोक

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले की सुनवाई करते हुए विधान सभा सचिवालय के दिनांक 27, 28 व 29 सितंबर के बर्खास्तगी आदेश पर नैनीताल हाईकोर्ट ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। फ़िलहाल कर्मचारियों की नौकरी बनी रहेगी। आपको बता दें, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये कर्मचारी अपने पदों पर कार्य करते रहेंगे। अगर सचिवालय चाहे तो रेगुलर नियुक्ति की प्रक्रिया चालू कर सकती है। ऐसे में अब इस मामले कि अगली सुनवाई 19 दिसंबर नियत की गई है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में विधान सभा सचिवालय से चार सप्ताह के जवाब पेश करने को कहा है। 

बताते चलें उत्तराखण्ड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी थी। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल हैं। जिसके बाद इस भर्ती घोटाले मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई थी। 

वहीं, अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट व कुलदीप सिंह अन्य कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामत, वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत व रविन्द्र सिंह बिष्ट ने कोर्ट को अवगत कराया कि विधान सभा अध्यक्ष के द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार पर और किस वजह से हटाया गया कहीं इसका उल्लेख नहीं किया गया न ही उन्हें सुना गया। जबकि, उनके द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया। एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है। यह आदेश विधि विरुद्ध है। 

यह भी पढ़ें - खाई में गिरी स्कॉर्पियो, दो की दर्दनाक मौत


Comments