उत्तर नारी डेस्क
पिछले साल भी बारिश से फसल हुई थी बर्बाद
समीर आगे बताते हैं कि पिछली बार प्रशासन ने मुआवजे की बात कही थी लेकिन वह अभी तक नहीं मिल पाई है. इस बार की जोरदार बारिश ने फिर से हम सभी को मुश्किलों में डाल दिया है. अगर इसी तरह बारिश कुछ दिन और जारी रही तो सारी फसल बर्बाद होने की वजह से हमारे सामने जीवनयापन का संकट आ जाएगा
पहले सूखा अब बारिश की मार
बता दें कि इस साल मॉनसून बेहद कमजोर रहा है. उत्तराखंड के तकरीबन उधम सिंह नगर जिले सूखे की भयंकर मार झेल रहे थे. धान की बुवाई के वक्त बारिश ना होने की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. बारिश और सिंचाई के आभाव में धान के पौधे मुरझा गए. सरकार से राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग भी की गई थी. किसान काफी वक्त से बारिश का इंतजार कर रहे थे. हालांकि, तेज बारिश की मार से प्रदेश में कई जगहों धान की खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
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