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आज का पंचांग और राशिफल - भागवताचार्य आयुर्वेद रत्न, ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी के साथ

पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी

दिनांक:-26-अक्टुबर-2022

वार:--------बुधवार

तिथी :-------01प्रतिपदा:-14:42

पक्ष:-------शुक्लपक्ष

माह:-------कार्तिक 10गते

नक्षत्र:-------स्वाती:-13:24

योग:--------प्रीति:-10:07

करण:------बव:-14:42

सूर्य ---------तुला

चन्द्रमा:-------तुला 30:30/वृश्चिक

मंगल --------मिथुन

बुध -------कन्या

गुरु --------मीन

शुक्र --------तुला

शनि-------मकर

राहू ---------मेष

केतु ---------तुला

सुर्योदय:-------06:46

सुर्यास्त:------17:57

दिशा शूल------उत्तर

निवारण उपाय:--- गुड का सेवन

ऋतु :-----------हेमंत ऋतु 

गुलीक काल:---10:52से 12:17

राहू काल:------12:17से13:42

अभीजित------- नहीं है

विक्रम सम्वंत  .........2079

शक सम्वंत ............1944

युगाब्द ..................5124

सम्वंत सर नाम:-------नल


       🌞चोघङिया दिन🌞

लाभ:-06:46से08:10तक

अमृत:-08:10से09:36तक

शुभ:-10:52से12:17तक

चंचल:-15:07से 16:33तक

लाभ:-16:33से 17:57तक

      🌗चोघङिया रात🌓

शुभ:-19:34से21:18तक

अमृत :-21:18से22:54तक

चंचल :-22:54से00:28तक

लाभ :-03:36से05:12तक


      👉आज के विशेष योग 👈

वर्ष का207वाँ दिन, गोवर्धन पूजा,

अन्नकूट, 

सुहाग पडवा, बलि प्रतिपदा, इष्टि, जैन सम्वत्॒ 2549 प्रारंभ दीपावली प्रतिपदा, कार्तिक शुक्लादि, अभ्यंग स्नान, समर्ध, उत्तर श्रृंगोत्रती, 44अंश,

ग्रहण करिदिन, भाईबीज, भरत-यम

द्बितीया, कुमारयोग 13:24से14:42,

बुध तुला में 13:48, गुजराती नववर्ष

प्रारंभ मार्गपाली, गोक्रिडा, यमुना स्नान,


  🏡👉वास्तु टिप्स👈🏡

आज के दिन व्यापारियों को नए बही-खाते बनाने की तैयारी करनी चाहिए।

     🕉 तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-

 गोवर्धन पूजा के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्वत को श्री गिरिराज जी भी कहा जाता है।   इस दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाकर उसकी पूजा रोली, चावल, खीर, बताशे, चावल, जल, दूध, पान, केसर, पुष्प आदि से दीपक जलाने के पश्चात की जाती है। गायों को स्नानादि कराकर उन्हें सुसज्जित कर उनकी पूजा करें। गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती कर प्रदक्षिणा करनी चाहिए।

श्री गिरिराज की परिक्रमा 7 कोस (21 किलोमीटर) की होती है और इस दिन हजारों लाखों लोग इस परिक्रमा को करने आते हैं। गोवर्धन पूजा से भक्तों को कृष्ण भगवान की विशेष कृपा मिलती हैं। धनतेरस, नरक चतुर्दशी, बड़ी दिवाली के बाद आज चौथा नंबर गोवर्धन पूजा का है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में एक लोकगाथा प्रचलित है। कथा यह है कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची। प्रभु की इस लीला में यूं हुआ कि एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने बड़े भोलेपन से मईया यशोदा से प्रश्न किया " मईया ये आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं" कृष्ण की बातें सुनकर मैया बोली लल्ला हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं।


इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? -

मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? मैईया ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अत: ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी। बृजवासी इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा करते हैं। गाय बैल को इस दिन स्नान कराकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है। गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है।


अन्नकूट -

अन्नकूट शब्द का अर्थ होता है अन्न का समूह। विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित करने के कारण ही इस उत्सव या पर्व को नाम अन्नकूट पड़ा है। इस दिन अनके प्रकार का पक्वान, मिठाई आदि का भगवान को भोग लागायें। सभी नैवेद्यों के बीच भारत का पहाड़ अवश्य बनायें। भोग सामग्री की इतनी विविधता और विपुलता होनी चाहिए, जितनी बनाई जा सकें। अन्नकूट के रूप में अन्न और शाक-पक्वानों को भगवान को अर्पित किये जाते है तथा भगवान को अर्पण करने के पश्चात वह सर्वसाधारण में वितरण किया जाता है। कृषिप्रधान देश का यह अन्नमय यज्ञ वास्तव में सर्वसुखद है। अन्नकूट और गोवर्धन की यह पूजा आज भी कृष्ण और बिष्णु मन्दिरों में अत्यन्त उत्साह से की जाती है।


     सुविचार

लोगों के चहरे को तव्वजों ना देकर अगर दिल मे झाकोगे तो आपको और साफ दिखाई देगा।


   💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿

घरेलू चीज़ों से हटाइये चेहरे के बाल :-

1. बेसन को हल्दी के साथ मिलाइए , उसमें सरसों का तेल डाल कर गाढा पेस्ट बनाइए। इसे चेहरे पर लगा कर रगडिये और इसे हफ्ते में दो बार लगाइये। ऐसा करने से चेहरा चमचमाने लगेगा।

2. हल्दी पाउडर को नमक के साथ मिलाइए। इसमें कुछ बूंदे नींबू और दूध की मिला सकती हैं। 5 मिनट के लिए मसाज कीजिए। इससे आपके चेहरे के बाल गायब होंगे और चेहरा सफेद भी होगा।

3. नींबू और शहद के पेस्ट को मिला कर अपने चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दीजिए। इसके बाद इसे रगड कर छुडाइए और ठंडे पानी से धो लीजिए।

4. चीनी डेड स्किन को हटाती है और चेहरे के बालों को जड़ से निकाल देती है। अपने चेहरे को पानी से गीला कीजिए उस पर चीनी लगा कर रगडिए। ऐसा हफ्ते में 2 बार जरुर कीजिए।

5. बेसन को हल्दी और दही के साथ मिलाए और चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाइए। इसे बाद में दूध और फिर ठंडे पानी से धो लीजिए। एएसा हफ्ते में 2 बार करें।


      🐑🐂 राशिफल🐊🐬

🐏 राशि फलादेश मेष :-

घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐂 राशि फलादेश वृष :-

शत्रु भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। पुराना रोग उभर सकता है। उन्नति होगी। धनलाभ होगा।

👫 राशि फलादेश मिथुन :-

भागदौड़ रहेगी। यात्रा सफल व मनोरंजक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन कार्य के अवसर प्राप्त होंगे।

🦀 राशि फलादेश कर्क :-

वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कलह होगी। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हानि होगी।

🦁 राशि फलादेश सिंह :-

रयास सफल रहेंगे। सुख के साधन जुटेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। पीड़ा संभव है। अपने परिश्रम से लाभ प्राप्त करेंगे।

👩🏻‍🏫 राशि फलादेश कन्या :-

शुभ समाचार प्राप्त होंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। प्रसन्नता रहेगी। धनहानि संभव है। कर्ज, आसान वित्त आदि प्राप्त होंगे।

⚖ राशि फलादेश तुला :-

कष्ट, भय व पीड़ा का माहौल बन सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। 

🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-

बेचैनी रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। व्ययवृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। नए व्यवसाय के लिए लोन लेंगे।

🏹 राशि फलादेश धनु :-

लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश लाभप्रद रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। वाहनादि चलाते समय सावधानी रखें।

🐊 राशि फलादेश मकर :-

स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धनलाभ होगा। आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

🏺 राशि फलादेश कुंभ :-

विवेक से कार्य करें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। धनार्जन होगा। जोखिम न लें। जमीन विवाद की आशंका रहेगी। 

🐋 राशि फलादेश मीन :-

चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। भागदौड़ रहेगी। बनता कार्य बिगड़ जाने से चिंता रहेगी।

कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबन

मोबाइल नंबर - 91 78953 06243

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