उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में बनी पहली एनिमेटेड फ़िल्म ‘कशमकश’ को राष्ट्रीय स्तर पर आठ पुरस्कार प्राप्त हुए है। आपको बता दें, यह एनीमेशन शॉर्ट फिल्म ‘कशमकश’ एसबीआई पंतनगर ब्रांच में फील्ड ऑफिसर के पद पर कार्यरत और सिताबपुर कोटद्वार निवासी दीपक रावत ने बनाई है। जो एक व्यक्ति की ज़िंदगी मे आई कश्मकश को दर्शाती है। यह फ़िल्म सात मिनट की है और एक दंपती पर केंद्रित फ़िल्म है जिसमें गर्भवती पत्नी लेबर पेन से तड़पती है जिसे वो व्यक्ति अस्पताल ले जाता है। देर हो जाने की वजह से प्रसव के बाद पत्नी की मौत हो जाती है। पत्नी की मौत के बाद पति के कशमकश को दर्शाया गया है। जहां यह कश्मकश उसके अंदर चलती रहती है कि वह बच्चे के आने की खुशी मनाए या जिसके साथ उसने जीवन के सपने संजोए थे उसकी मौत का गम। इस फ़िल्म को दीपक रावत ने ग्राफिक की मदद से प्रोड्यूस किया है जिसमे उन्होंने कुछ फिल्टर्स का भी प्रयोग किया है।
यह फ़िल्म अगस्त में रिलीज हो चुकी है। जिसने अब तक राष्ट्रीय स्तर पर आठ पुरस्कार भी प्राप्त कर लिए है। इसके अलावा चाइना और लंदन समेत कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने के बाद पुरस्कार के लिए भी चयनित हुई है।
बताते चलें, उड्यार संस्था देहरादून के एनीमेटर भूपेंद्र सिंह कठैत और राहुल मैठाणी ने इस फिल्म में एनीमेशन का काम किया है। सात मिनट की इस शॉर्ट एनीमेशन फिल्म में 18वीं शताब्दी के यूरोपियन चित्रकार वेन गॉग की पेंटिंग से प्रेरणा लेकर फ्रेमिंग और कंपोजिशन की गई है। फिल्म के लेखक और निदेशक दीपक रावत ने बताया कि नैनीताल फिल्म फेस्टिवल, पांडिचेरी मोक्खो फिल्म फेस्टिवल, पिंक सिंटी जयपुर फिल्म फेस्टिवल, बेहाला (कोलकाता) फिल्म फेस्टिवल, मड हाउस पंजाब फिल्म फेस्टिवल, संगरुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, गंगटोक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, वन लिप इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, श्रीनगर कश्मीर फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी है और श्रीनगर को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर आठ पुरस्कार भी जीत चुकी है। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंदन फिल्म फेस्टिवल, चाइना इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल, हेल्थ फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित हो चुकी है और पुरस्कार के लिए चयन की लाइन में है।
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