पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
तृतीया, कृष्ण पक्ष,
मार्गशीर्ष
"🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁(समाप्ति काल)
विक्रम सम्वत --------------2079
शाके -----------------------1944
तिथि------------तृतीया 20:16:40
पक्ष------------------------- मार्गशीरकृष्ण
नक्षत्र--------- मृगशिरा 31:31:43
योग-------------- शिव 21:27:24
करण---------- वणिज 07:21:05
करण--------विष्टि भद्र 20:16:40
वार------------------------शुक्रवार
माह--------------------कार्तिक26गते
चन्द्र राशि------- वृषभ 18:16:20
चन्द्र राशि------------------ मिथुन
सूर्य राशि----------------------तुला
रितु-------------------------- हेमंत
आयन----------------- दक्षिणायण
संवत्सर-------------------नल
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
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कोटद्वार उत्तराखड
सूर्योदय--------------- 06:38:02
सूर्यास्त---------------- 17:28:01
दिन काल------------- 10:49:59
रात्री काल------------- 13:10:45
चंद्रास्त--------------- 09:11:04
चंद्रोदय---------------- 19:31:53
लग्न---- तुला 24°26' , 204°26'
सूर्य नक्षत्र----------------- विशाखा
चन्द्र नक्षत्र---------------- मृगशीर्षा
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
🕉️🏵️ पद, चरण 🏵️🕉️
वे---- मृगशिरा 11:40:50
वो---- मृगशिरा 18:16:20
का---- मृगशिरा 24:53:20
🐑🐏 ग्रह गोचर 🐃🐊
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य=तुला 24 :29 विशाखा , 2 तू
चन्द्र =वृषभ 24°23, मृगशिरा , 1 वे
बुध =तुला 25 ° 34' विशाखा '2 तू
शुक्र=तुला 25°05, विशाखा ' 3 ते
मंगल=मिथुन 00°30 ' मृगशिरा' 3 का
गुरु=मीन 04°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ' धनिष्ठा ' 1 गा
राहू=(व) मेष 18°50 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°50 विशाखा , 4 ता
🕉️🏵️ शुभा$शुभ मुहूर्त 🏵️🕉️
राहू काल 10:42 - 12:03 अशुभ
यम घंटा 14:46 - 16:07 अशुभ
गुली काल 07:59 - 09:21 अशुभ
अभिजित 11:41 - 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 08:48 - 09:31 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:25 - 13:08 अशुभ
वर्ज्यम 11:15 - 12:59 अशुभ
चोघडिया, दिन
चर 06:38 - 07:59 शुभ
लाभ 07:59 - 09:21 शुभ
अमृत 09:21 - 10:42 शुभ
काल 10:42 - 12:03 अशुभ
शुभ 12:03 - 13:24 शुभ
रोग 13:24 - 14:46 अशुभ
उद्वेग 14:46 - 16:07 अशुभ
चर 16:07 - 17:28 शुभ
चोघडिया, रात
रोग 17:28 - 19:07 अशुभ
काल 19:07 - 20:46 अशुभ
लाभ 20:46 - 22:25 शुभ
उद्वेग 22:25 - 24:03 अशुभ
शुभ 24:03 - 25:42 शुभ
अमृत 25:42 - 27:21 शुभ
चर 27:21 - 28:59 शुभ
रोग 28:59 - 30:39 अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 06:38 - 07:32
बुध 07:32 - 08:26
चन्द्र 08:26 - 09:21
शनि 09:21 - 10:15
बृहस्पति 10:15 - 11:09
मंगल 11:09 - 12:03
सूर्य 12:03 - 12:57
शुक्र 12:57 - 13:51
बुध 13:51 - 14:46
चन्द्र 14:46 - 15:40
शनि 15:40 - 16:34
बृहस्पति 16:34 - 17:28
होरा, रात
मंगल 17:28 - 18:34
सूर्य 18:34 - 19:40
शुक्र 19:40 - 20:46
बुध 20:46 - 21:52
चन्द्र 21:52 - 22:58
शनि 22:58 - 24:03
बृहस्पति 24:03 - 25:09
मंगल 25:09 - 26:15
सूर्य 26:15 - 27:21
शुक्र 27:21 - 28:27
बुध 28:27 - 29:33
चन्द्र 29:33 - 30:39
🕉️🏵️ उदयलग्न प्रवेशकाल 🏵️🕉️
तुला > 03:46 से 05:57 तक
वृश्चिक > 05:57 से 08:18 तक
धनु > 08:18 से 10:48 तक
मकर > 10:48 से 12:26 तक
कुम्भ > 12:26 से 13:56 तक
मीन > 13:56 से 14:28 तक
मेष > 14:28 से 16:02 तक
वृषभ > 16:02 से 18:48 तक
कर्क > 18:48 से 11:18 तक
सिंह > 11:18 से 01:36 तक
कन्या > 01:36 से 03:38 तक
🏵️विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
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(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
🕉️दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🕉️ अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 3 + 6 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
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🕉️🏵️ ग्रह मुख आहुति ज्ञान 🏵️🕉️
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
🏵️ शिव वास एवं फल -:
18 + 18 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
🕉️भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 7:21 से रात्रि 20:16 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
🏵️🕉️ विशेष जानकारी 🕉️🏵️
सौभाग्य सुंदरी व्रत
🏵️🏵️ शुभ विचार 🏵️🏵️
ईप्सितं मनसः सर्वं कस्य सम्पद्यते सुखम् ।
दैवायत्तं यतः सर्वं तस्मात् संतोषमाश्रयेत् ।।
।। चा o नी o।।
किस को सब सुख प्राप्त हुए जिसकी कामना की। सब कुछ भगवान् के हाथ में है. इसलिए हमें संतोष में जीना होगा।
🏵️🏵️ सुभाषितानि 🏵️🏵️
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
तत्रैकस्थं जगत्कृत्स्नं प्रविभक्तमनेकधा ।,
अपश्यद्देवदेवस्य शरीरे पाण्डवस्तदा ॥,
पाण्डुपुत्र अर्जुन ने उस समय अनेक प्रकार से विभक्त अर्थात पृथक-पृथक सम्पूर्ण जगत को देवों के देव श्रीकृष्ण भगवान के उस शरीर में एक जगह स्थित देखा॥,13॥,
🐂🐏🐃🐑 दैनिक राशिफल 🐏🐑🐬🐊
🐏मेष:--घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा।
🐂वृष:--संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें।
👫मिथुन:--प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।
🦀कर्क:--भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।
🐅सिंह:--वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद न करें। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। अधीनस्थों की ओर ध्यान दें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
🙎♀️कन्या:--बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।
⚖️तुला:--दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से बचें। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। वाणी पर संयम रखें।
🦂वृश्चिक:--लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें। समय ठीक नहीं है। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें।
🏹धनु:--किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें।
🐊मकर:--नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें।
🍯कुंभ:--भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी।
🐟मीन:--धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा।