उत्तर नारी डेस्क
पुलिस मुख्यालय के आदेशानुसार नाबालिग के अभिभावकों के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम 1988 (संशोधित 2019) की धारा 199A (1) के अन्तर्गत के तहत कार्यवाही किये जाने के क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे द्वारा जनपद के समस्त थाना प्रभारियों को उनके थाना क्षेत्रों में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर उनके अभिभावकों एवं वाहन स्वामियों विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही किये जाने हेतु कड़े निर्देश दिए गए हैं।
अभियान के क्रम में दिनांक 05.12.2022 से अब तक जनपद (श्रीनगर-03, पौड़ी-01, कोटद्वार-02, यातायात कोटद्वार/श्रीनगर-04) में 10 किशोर वाहन चालकों को वाहन चलाते हुए पाए जाने पर उनके अभिभावकों/वाहन स्वामी के विरूद्ध चालानी कार्यवाही करते हुए वाहनों को मौके पर ही नियमानुसार मोटर वाहन अधिनियम के अन्तर्गत सीज किया गया। उक्त अभियान लगातार जारी है।
भविष्य में नाबालिग किशोरों को वाहन न देने सम्बन्ध में उनके अभिभावकों/परिजनों को निम्न हिदायत दी गयीः-
↔️ मोटर वाहन अधिनियम 1988 (संशोधित 2019) की धारा 199A(1) के अन्तर्गत नाबालिग द्वारा किए गए अपराध पर उनके अभिभावक/वाहन स्वामियों को दोषी माना जाएगा।
↔️ भविष्य में यदि पुनः नाबालिग बच्चे वाहन चलाते हुए पाये जायेंगे तो उनके अभिभावकों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी, जिसके अन्तर्गत 03 वर्ष तक का कारावास या रू0 25,000/- तक के जुर्माने का प्रावधान है ।
↔️ हिदायत देने के अतिरिक्त यह जानकारी भी दी कि आप घर में अपने बच्चे को जो नाबालिग हो उसे वाहन चलाने को ना दें, वरना आप बहुत मश्किल में पड़ सकते हैं।
यह भी पढ़ें - शादी के 10 दिन बाद ही विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या