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गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई देगी देवभूमि उत्तराखण्ड की सुन्दरता

उत्तर नारी डेस्क 

गणतंत्र दिवस परेड पर देश ही नहीं दुनियाभर की नजर रहती है। राजपथ न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन होता है, बल्कि दुनिया यहां की विभिन्न लोक संस्कृति से भी रूबरू होती है। एक बार फिर राजपथ पर देवभूमि उत्तराखण्ड की सुन्दरता देखने को मिलेगी। नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड-2023 में उत्तराखण्ड की झांकी का चयन हुआ है। 

सूचना विभाग द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए वन्यजीव एवं झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जाएगा। साथ ही उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित होगा। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित होगा। 

बता दें, गणतंत्र दिवस परेड 2023 के लिए उत्तराखण्ड की झांकी का अंतिम चयन हो गया है। गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए लगभग 27 राज्यों ने अपने प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये थे, जिसमें 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ है। गौरतलब है कि अभी तक राज्य द्वारा गत् वर्षों में 13 झांकियों का प्रदर्शन कर्त्तव्य पथ पर किया गया है। जिसमें वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ीबूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम’, वर्ष 2021 में ‘केदारखण्ड’ तथा वर्ष 2022 में ‘प्रगति की ओर बढ़ता उत्तराखण्ड ’ शामिल हैं।

 

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