Uttarnari header

uttarnari

जानिए कैसे बनता है धुंध/कोहरा

उत्तर नारी डेस्क 

सर्द ऋतु में पृथ्वी की ऊपरी सतह के तापमान कम होने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं। ये सूक्ष्म बूंदे वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व जो न्यूक्लिआई के रूप में संघनन करने में सहायक होते है उनसे मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं तथा आसपास की ठंडी हवा के सम्पर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। वायुमण्डल में अधिक नमी होने पर यह घने कोहरे का रूप ले लेता है तथा इस स्थिति में दृश्यता एक किलोमीटर से भी काफी कम हो जाती है कभी कभी यह दृश्यता 50 मीटर से भी कम हो जाती है। 

जब कोहरे के साथ धुँए का मिश्रण होता है तो उसे स्मॉग कहा जाता है। यह ओधोगिक और शहरी क्षेत्रों में जलकणों के साथ धूल एवम प्रदूषक तत्वों के मिश्रण से अधिक तीव्रता से बनता है। धुंध व बादल बनने की प्रक्रिया एक जैसी होती है यदि धरती के नजदीक यह हो तो धुंध तथा अधिक ऊंचाई पर बने तो बादल कहा जाता है।

यह भी पढ़ें - अपनी फसल को पाले से बचाने के लिए किसान करें यह काम, नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान


Comments