उत्तर नारी डेस्क
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में नमामि गंगे परियोजना के तहत "स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम" के अंतर्गत नमामि गंगे समिति एवं राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 21 मार्च 2023 को प्राचार्य प्रो० पुष्पा नेगी के निर्देशन में "जल संरक्षण" तथा "G20 सम्मेलन में भारत की भूमिका" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जहां प्राचार्य प्रो० पुष्पा नेगी ने छात्रों को यह सन्देश दिया कि जल ही जीवन है और हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर है। हमें विश्व के किसी-न-किसी भाग में जल संकट का समाचार मिलता रहता है। इसलिए हमें जल संरक्षण के प्रति सदैव जागरूक एवं सजग रहने की आवश्यकता है। साथ ही प्राचार्य महोदया ने यह भी सन्देश दिया कि हमारा देश पहली बार विश्व के सबसे शक्तिशाली समूह G20 की अध्यक्षता कर रहा है। निश्चित ही भारत इस G20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाकर विश्व में एक अद्भुत उदाहरण पेश करेगा। तत्पश्चात नोडल अधिकारी नमामि गंगे डॉ० के०पी० चमोली के द्वारा आर्थिक, पर्यावरणीय एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए भारत के नेतृत्व की आवश्यकता पर चर्चा की गई। उन्होंने जल की उपलब्धता के संदर्भ में कहा कि "जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है" और हमें अपनी तरफ से भी जल संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।
इसके पश्चात वनस्पति विज्ञान विभाग प्रभारी डॉ० हरिओमशरण बहुगुणा ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पानी की सप्लाई के दौरान आने वाली समस्याओं, सरकारी प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों का उदाहरण भी दिया। उत्तराखंड में जल की स्थिति पर बनी रिपोर्टों के विषय में उन्होंने बताया कि यहां के 76% गाड़-गदेरे सूख चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पृथ्वी हमें सब कुछ देने में सक्षम है, किंतु यह मानव के लालच की पूर्ति करने में असमर्थ है।
तत्पश्चात वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ० गिरिजा प्रसाद रतूड़ी ने जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? इस प्रश्न के साथ जल संरक्षण एवं जीवन के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि दैनिक जीवन एवं अन्य कार्यों में पानी के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण पानी बर्बाद हो जाता है और यदि हम प्रकृति के नियमों के साथ चलेंगे, तो जल स्वयं संरक्षित हो जाएगा और उन्होंने सभी से जल संरक्षण का प्रण लेने का आह्वान भी किया।
इसके बाद वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ० प्रकाश चंद्र फोन्दनी ने जल संरक्षण के लिए किए गए वैश्विक सम्मेलन, कार्यशाला एवं पानी के बहुउपयोग पर अपने विचार रखे। जल के लिए संभावित तृतीय विश्वयुद्ध एवं भूमिगत जल स्तर में गिरावट पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जब हमें जल की बर्बादी के परिणाम पहले से ही पता हैं, तो हमें यथाशीघ्र ही इसके संरक्षण के लिए व्यक्तिगत पहल करनी चाहिए।
इसी के साथ विवेक बी.ए. द्वितीय वर्ष, देवेंद्र एम.ए. तृतीय सेमेस्टर राजनीति विज्ञान, विक्रांत चौधरी एम.ए. तृतीय सेमेस्टर राजनीति विज्ञान , दीक्षा बी.ए. द्वितीय वर्ष, सुलेखा बी.एड. प्रथम वर्ष की छात्रा ने भी इस संगोष्ठी से संबंधित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी नमामि गंगे डॉ० के० पी० चमोली एवं नमामि गंगे समिति सदस्य डॉ० आबिदा द्वारा किया गया। अंत में नमामि गंगे नोडल अधिकारी डॉ० के० पी० चमोली द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया और इसके पश्चात सभी छात्र-छात्राओं को जलपान वितरित किया गया।
इस अवसर पर नमामि गंगे समिति सदस्य डॉ० ममता शर्मा, डॉ० निधि छाबड़ा, डॉ० ममता थपलियाल, डॉ० शशिबाला रावत, डॉ० सुनील भट्ट के अतिरिक्त डॉ० कनिका बड़वाल, डॉ० तनुजा मौर्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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