उत्तर नारी डेस्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो समाज अपनी भाषा और बोलियों का सम्मान नहीं करता वह अपनी प्रतिष्ठा गवां देता है। अपनी भाषा व बोलियों को बचाने और उन्हें बढ़ाने के कार्य में आम लोगों की व्यापक सहभागिता की जरूरत है। इस महत्वपूर्ण कार्य को हम सभी को अपने घर के भीतर से आरम्भ करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता हेतु 12 फरवरी, 2022 को जनता से हमने वादा किया था कि हम समान नागरिक संहिता लाएंगे। इसे लागू करने हेतु गठित समिति द्वारा डेढ़ साल में 2 लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिए और अब इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार है। इस अवसर पर भाषा विभाग के मंत्री सुबोध उनियाल, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्व विधालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र, साहित्यकार एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूडी़, विधायक मोहन सिंह बिष्ट, प्रमोद नैनवाल आदि उपस्थित थे।
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