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उत्तराखण्ड : गजब की प्रतिभा, अनिता चौहान ने एक साथ पास की तीन परीक्षाएं

उत्तर नारी डेस्क 

बीते दिनों उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा पटवारी/ लेखपाल भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित किये गए है। जिनमें प्रदेश के कई परिक्षार्थीयो ने सफलता भी हासिल की है लेकिन एक अभ्यर्थी ऐसी भी हैं, जिन्होंने तीन परीक्षाओं को पास किया है और अब लगता है कि वो चौथे कि तैयारी में हैं। हम बात कर रहे हैं, टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा ब्लॉक के गजा की रहने वाली अनीता चौहान की। जिन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा के साथ ही फॉरेस्ट गार्ड तथा कनिष्ठ सहायक की परीक्षा में भी कामयाबी हासिल की है। जो हम सभी के लिए गौरव की बात है। 

बता दें, अनिता का एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें परीक्षाओं के नाम लिखे हैं। वहीं चौथे स्थान में लिखा है टू बी कंटिन्यू…यानी भविष्य में अनीता दोबारा कर सकती हैं। जानकारी के अनुसार, अनीता एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। अनीता के पिता राजेंद्र सिंह चौहान गाड़ी चलाने का काम करते हैं, वही माता पशुपालन का काम करती है। अनीता ने जीआईसी इंटर कॉलेज गजा टिहरी गढ़वाल से पढ़ाई पूरी की और फिर श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, यहां से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूर्ण की है। अनिता ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने परिजनों को दिया। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 

माता ने घर की देखभाल तो की उनसे अलावा पशुपालन के जरिए आर्थिकी को मजबूत किया जिससे अनीता को कोचिंग के लिए देहरादून भेजा गया। उन्होंने तैयारी के लिए रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई की और कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है। अनीता की इस अभूतपूर्व सफलता से उनके माता-पिता का नाम तो रोशन हुआ ही है साथ ही टिहरी गढ़वाल जिले का मान भी बढ़ाया है। इससे पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। अनीता चौहान को अपनी कामयाबी के लिए उत्तर नारी की टीम की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।


लक्ष्य सेन ने कनाडा ओपन बैडमिंटन का जीता खिताब

अल्मोड़ा जिला निवासी युवा शलटर लक्ष्य सेन ने अपने नाम एक और उपब्धि हासिल कर ली है। लक्ष्य ने चीन के खिलाड़ी को हराकर कनाडा ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट खिताब अपने नाम कर लिया है। लक्ष्य ने पुरुषों के एकल फाइनल में मौजूदा ऑल इंग्लैंड चैंपियन चीन के ली शेंग फेंग को सीधे गेमों में 21-18, 22-20 से पराजित किया। वर्ल्ड रैंकिंग में 19वें नंबर पर काबिज लक्ष्य ने 10वें नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ दूसरे गेम में पिछड़ने के बावजूद शानदार वापसी करते हुए खिताब अपने नाम किया। लक्ष्य इस साल पहली बार किसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे थे। लक्ष्य की इस उपलब्धि पर गृह जनपद अल्मोड़ा सहित समूचे प्रदेश में खुशी की लहर है। 

बता दें, यह लक्ष्य का दूसरा बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर 500 खिताब है क्योंकि जनवरी 2022 में पहले ही इंडिया ओपन का खिताब जीत चुके हैं। फाइनल मुकाबला लगभग 50 मिनट तक चलने के बाद लक्ष्य सेन ने इस मुकाबले में जीत हासिल की थी। लक्ष्य की चीनी खिलाड़ी से उनके करियर में यह छठी भिड़ंत थी जिसमें उन्होंने अब अपने जीत-हार के रिकॉर्ड को 4-2 कर लिया है। 21 साल के लक्ष्य का पिछले कुछ सालों में शानदार खेल कोर्ट पर देखने को मिला है।


आशीष रौतेला ने साउथ एशिया बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

देवभूमि उत्तराखण्ड के युवा आज अपनी काबिलियत के दम पर देश-दुनिया में छाए हुए हैं। आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं जहां देवभूमि के युवाओं ने अपनी प्रतिभा का जलवा ना बिखेरा हों। आज हर क्षेत्र में पहाड़ के युवाओं का दबदबा है। फिल्म जगत से लेकर बॉडीबिल्डिंग तक के क्षेत्र में प्रदेश के युवा  उत्तराखण्ड का नाम रोशन कर रहे है। इसी क्रम में अब कोटद्वार से ख़बर सामने आयी है। जहां पदमपुर सुखरो कोटद्वार निवासी आशीष रौतेला ने मालदीव में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हुए साउथ एशिया बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। उनकी इस कामयाबी के बाद परिजन गदगद हैं और पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।     

बता दें, आशीष ने अपनी प्राथमिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रप्रयाग, 12वीं तक टीसीजी पब्लिक स्कूल कोटद्वार और बीसीए देहरादून से किया है। पिता तीरथ सिंह रौतेला ने बताया कि बॉडी बिल्डिंग में दिलचस्पी होने के कारण बीसीए करने के बाद आशीष ने आईटी के क्षेत्र में आगे की पढ़ाई नहीं की और देहरादून के एक जिम में बतौर ट्रेनर की नौकरी कर ली। जिम में रहकर युवाओं को फिटनेश की ट्रेनिंग देते हुए उसने खुद की बॉडी बिल्डिंग भी करनी शुरू कर दी। बहुत जल्दी वह इस क्षेत्र में पूरे देहरादून में प्रसिद्ध हो गया। 

उसने गत माह इंडिया बॉडी बिल्डर फेडरेशन की ओर से गोवा में आयोजित अखिल भारतीय बॉडीबिल्डिंग कंपटीशन में प्रतिभाग किया और उसमें गोल्ड मेडल हासिल किया। गोल्ड मैडल जीतते ही उसको मालदीव की राजधानी माले में होने वाले दक्षिण एशिया बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिल गया। इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की और सात जुलाई को मालदीव में आयोजित प्रतियोगिता में 12 देशों के प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। 




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