उत्तर नारी डेस्क
कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, उत्तराखण्ड के साढ़े पांच साल के तेजस तिवारी इस कहावत को साबित कर दिखाया है। नन्हीं सी उम्र में ही पहाड़ के साढ़े पांच साल के बच्चे ने कमाल कर दिखाया है और विश्व के सबसे कम उम्र का शतरंज खिलाडी बनकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) ने उन्हें सबसे कम उम्र का खिलाड़ी घोषित किया है। साथ ही जून में जारी हुई अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की सूची में उन्हें 1149वीं रेटिंग प्राप्त हुई है। महासंघ ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी लिस्ट भी जारी की है। इससे पहले वह उत्तराखण्ड के ''यंगेस्ट चेस प्लेयर'' का खिताब हासिल कर चुके हैं।
उत्तराखण्ड में होनहारों की कमी नहीं है। साढ़े पांच साल की जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाना सीखते हैं, उस उम्र में तेजस तिवारी विश्व के सबसे कम उम्र के चेस प्लेयर बन गए हैं। तेजस को शतरंज की बारीकियां उनके पिता ने सिखाईं। बता दें, तेजस तिवारी हल्द्वानी के सुभाषनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं। वह दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल में यूकेजी के छात्र हैं। तेजस के पिता शरद तिवारी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और मां इंदु तिवारी कुशल गृहिणी हैं। तेजस के पिता शरद भी कुमाऊं विवि में शतरंज के खिलाडी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि फिडे की ओर से उन्हें इस संबंध में ईमेल मिला है। उन्हें इससे पता चला कि तेजस दुनिया के सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी हैं। यह वाकई हमारे लिए खुशी की बात है।
उन्होंने आगे बताया कि साढ़े तीन साल की उम्र से शतरंज खेल रहे तेजस ने हाल ही में रुद्रपुर में आयोजित हुई पहली स्व. धीरज सिंह रघुवंशी ओपन फिडे रेटेड शतरंज प्रतियोगिता में तेजस तिवारी ने चार ड्रॉ और दो जीत के साथ यह रेटिंग प्राप्त की है। मार्च-2022 में उत्तराखण्ड शतरंज संघ की ओर से आयोजित 16वीं उत्तराखण्ड स्टेट ओपन शतरंज प्रतियोगिता के अंडर-8 वर्ग में वह प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तराखण्ड स्टेट चैंपियन बने।
पांच राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कर चुके हैं उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व
तेजस अब तक विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश में 2022 में हुई राष्ट्रीय अंडर-8 शतरंज प्रतियोगिता, भुवनेश्वर ओडिसा, अहमदाबाद गुजरात में अंडर-7 शतरंज प्रतियोगिता, 2022 में नई दिल्ली में हुई सब जूनियर और 2023 में होसुर तमिलनाडु में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और गोल्डन बॉय का खिताब भी ले चुके हैं। वह भारत के अब तक 12 राज्यों में खेल चुके हैं।
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