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कोटद्वार : रंग लाई मुहिम, 17 साल की हिमानी का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ सफल

उत्तर नारी डेस्क 

परिवार, दोस्त, समाज इंसान के लिए कितने अहमियत रखते हैं, इसके बारे में आपको यह ख़बर पढ़ कर पता लगेगा। कोटद्वार निवासी हिमानी रावत जिन्हें माँ, पिता, दोस्तों व समाज ने मिलकर एक नया जीवन दिया है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज में महज 17 साल की हिमानी का हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। हिमानी को नया जीवनदान देने में दोस्तों, शहर निवासियों व आसपास के लोगों के साथ समूचे प्रदेश ने गजब का भाईचारा दिखाया। 

बेटी की किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए करीब 15 लाख रुपए की जरूरत थी। कुछ जमापूंजी परिवार के पास थी, लेकिन इतने रुपए नहीं थे कि किडनी ट्रांसप्लांट करवाई जा सके। बेटी की दोनों किडनी खराब होने से परिवार के सदस्य चिंता में थे, ऊपर से किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डॉक्टरों ने इतनी बड़ी रकम मांगी कि परिवार की चिंता और ज्यादा बढ़ गई। 

जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रोहित डंडरियाल को पता चला तो उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया और खुद सहायता की और सोशल मीडिया पर भी सहायता के लिए मैसेज डाला। परिणाम ये हुआ कि तीन दिन में 13 लाख रुपए की क्राउड फंडिंग से सहायता मिल गई और हिमानी का किडनी ट्रांसप्लांट सफलता पूर्वक पूर्ण हो गया है। इसमें सबसे बड़ा त्याग हिमानी की माँ समुद्रा देवी का भी रहा, जिन्होंने अपनी बेटी की जिंदगी बचाने के लिए अपनी किडनी दान कर उसे नया जीवन दिया है। ऑपरेशन के बाद हिमानी और उसकी मां पूरी तरह स्वस्थ हैं।

वो कहते है न अपने बच्चे की हिफाजत के लिए एक मां कुछ भी कुर्बान करने के लिए तैयार रहती है। इसी लिए धरती पर मां भगवान का रूप होती हैं, जो अपने बच्चों की खातिर कुछ भी कर गुजरने से कभी पीछे नहीं हटती। इस बात को समुद्रा देवी ने सच साबित कर दिखाया है। उनकी बेटी हिमानी की दोनों किडनी खराब हो चुकी थी। ऐसे में उन्होंने अपनी बेटी को किडनी दान करके उम्र के इस पड़ाव पर एक बार फिर से माँ होने का फर्ज अदा किया है। 

वहीं, हिमानी का ऑपरेशन सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाने पर हिमानी के परिजनों ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करने वालों का धन्यवाद किया। कहा की आप सभी लोगों ने इस संकट की घड़ी में मदद के लिए आगे आकर आर्थिक सहायता की उसके लिए आप सभी का हृदय की गहराई से धन्यवाद। साथ ही श्री गुरु रामराय स्कूल के प्रिंसिपल धीरेंद्र रतूड़ी, गिरीश उनियाल, सौरभ डंडरियाल और पूरे स्कूल का धन्यवाद किया जिनके द्वारा ये नेक मुहिम चलायी गई थी।

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