उत्तर नारी डेस्क
हरिद्वार : कैसे हमारी जाने-अनजाने की गई गलती से हमारे अकाउंट से पैसा चला जाता है, वक्त के बदलते दौर में इसको समझना जरूरी है। आजकल आए दिन ऑनलाइन फ्रॉड के नए-नए तरीके सामने आते रहते हैं।
ऐसा ही एक तरीका हरिद्वार पुलिस के सामने आया जिसने शुरुआत में तो हरिद्वार पुलिस को खूब दौड़ाया लेकिन जब कड़ी-से-कड़ी जोड़ी तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
पूरे भारतवर्ष में कई सारी जगह अपने छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने, लोग ट्यूशन टीचर रखते हैं। ऐसे ही जनपद हरिद्वार के ज्वालापुर नामक धनी आबादी वाले क्षेत्र में सहारनपुर यूपी से कई साल पहले रिटायर बेसिक शिक्षा अधिकारी एक बुजुर्ग महिला ने अपने परिवार के लगभग 12 साल के बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने M.com/B.Ed ट्यूशन टीचर को रखा।
लगभग 3 साल से बच्चे को पढ़ा रही ट्यूशन टीचर ने जब देखा कि घर में बुजुर्ग महिला है और इनका बड़ा बेटा अति व्यस्त और अक्सर घर के बाहर रहता है और स्कूल से मिलने वाला बच्चे का होमवर्क या जरूरी जानकारी सिर्फ महिला के रजिस्टर्ड मोबाइल पर ही आती है तो ट्यूशन टीचर ने बुजुर्ग महिला को धीरे-धीरे पूरी तरीके से अपने विश्वास में लेकर मोबाइल का लॉक पैटर्न व कोड जान लिया और समय-समय पर घर के छोटे-मोटे कामों में बुजुर्ग महिला का हाथ बंटाते हुए उनके हृदय में अपना स्थान पक्का कर लिया जिससे जल्दी ही बुजुर्ग महिला के एटीएम कार्ड से 16 अंको का सीवीवी नंबर इत्यादि जरूरी जानकारी नोट कर ली।
यह सब जानकारी कर, बार-बार स्कूल से बच्चे को मिले होमवर्क का बहाना लेकर "बैंक से लिंक - रजिस्टर्ड मोबाइल" कुछ-कुछ घंटे अपने पास रखा और चुपके से उसी कंपनी का एक नया डमी सिम लाकर मोबाइल में लगा दिया ताकि किसी को शक ना हो।
रजिस्टर्ड सिम मिल जाने और पहले से मौजूद सीवीवी नंबर आदि की मदद से ट्यूशन टीचर ने एक फर्जी सस्ता मोबाइल खरीदकर चुपके से उसमें मोबाइल ई-बैंकिंग चालू कर दी। अब समय आ गया था ऑनलाइन शॉपिंग करने का, लेकिन फिर एक नई समस्या सामने आई कि जब डिलीवरी बॉय सामान लेकर आएगा तो सामान लेना कहां पर है क्योंकि चारों तरफ तो जगह-जगह कैमरे लगे होते हैं और कौन से वाले सिम से उससे बात करनी है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए फर्जी आईडी पर एक नया सिम लिया गया जिससे सिर्फ डिलीवरी बॉय से बात की जाती थी और हर बार डिलीवरी बॉय को एक ऐसे स्थान पर बुलाया जाता था जहां आसपास कैमरे नहीं होते थे।
फिर शुरू हुई ऑनलाइन शॉपिंग
शुरुआत में कॉस्मेटिक की कुछ चीजें खरीदी गईं। ट्यूशन टीचर इसी प्रकार चुपचाप एक तरफ फर्राटेदार इंग्लिश में छोटे बच्चे को पढ़ा रही थी और दूसरी तरफ बड़ा गेम खेल रही थी। अब ट्यूशन टीचर ने बड़ी ऑनलाइन खरीदारी करते हुए ₹ 20000 से अधिक का कॉस्मेटिक का सामान, लगभग ₹ 70000 का लैपटॉप, लगभग ₹ 25000 के ब्रांडेड कपड़े खरीदने के साथ-साथ लगभग 90000 की अपनी मनपसंद सोने की चेन भी खरीदी जिसको खरीदने के लिए ट्यूशन टीचर "सोनिया दत्ता" बुर्का पहनकर अपनी पहचान छुपाते हुए "सानिया" बनकर सुनार की दुकान में गई। इसी दौरान ट्यूशन टीचर के बच्चे का पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी में सलेक्शन होने पर लगभग 7.50 लाख रुपए के एजुकेशन लोन के लिए ई-स्टाम्प पेपर भी बुजुर्ग महिला के अकाउंट से ऑनलाइन लिए गए।
कोतवाली ज्वालापुर में दर्ज 420 ipc के इस मुकदमे की इन सभी कड़ियों को आपस में जोड़ते हुए एवं ठोस सबूत हासिल करने के बाद इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर विकास रावत ने ट्यूशन टीचर, जो एक प्राइवेट स्कूल में वाइस प्रिंसिपल की पोस्ट पर तैनात थी, को विधिवत् गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भिजवा दिया है एवं ऑनलाइन शॉपिंग कर हासिल किए लैपटॉप, कपड़े, कॉस्मेटिक सामान, पीली धातु की चेन आदि बरामद कर लिए हैं।
मोबाइल में डमी सिम लगाने, जिससे मोबाइल के काम न करने पर बुजुर्ग महिला को शुरुआत में लगा कि शायद नेटवर्क में कोई समस्या आ गई है कुछ दिन में ठीक हो जाएगी लेकिन जब 7 - 8 दिन तक भी मोबाइल ठीक नहीं हुआ तब बड़े बेटे को बताने पर उसके साथ बैंक जाकर पासबुक अपडेट करने पर बुजुर्ग महिला के पेंशन अकाउंट से लगभग ₹ 211425 निकलने की पुष्टि हुई।
वक्त के बदलते दौर में जरूरी है कि हम अपने बुद्धि विवेक से हर संभव सावधानी बरतें। अगर हमारे घर में कोई बुजुर्ग है तो हम उनके शरीर स्वास्थ्य के साथ-साथ अकाउंट की भी सही जानकारी करें। घर के बुजुर्गों को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।