उत्तर नारी डेस्क
खूबसूरत लंबे, घने बाल किसी भी महिला का एक आभूषण है। वर्षों से सहेजकर, संभालकर किसी महिला ने बालों को पाला हो, जो उसकी सुंदरता की पहचान हो और फिर उन्हें परोपकार के लिए बालों को काटकर दान कर दिया जाए, तो निश्चित रूप से यह त्याग अत्यंत प्रेरणास्पद और अनुकरणीय है। उत्तराखण्ड के गढ़वाल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली सृष्टि मिश्रा ने अपने 14 इंच लंबे बाल कैंसर पीड़ितों के लिए दान किए हैं। सृष्टि के इस नेक फैसले में जहाँ उनकी माँ उनके साथ खड़ी हैं, वहीं विश्वविद्यालय की छात्राओं के साथ ही शिक्षक भी इस कार्य से बेहद खुश हैं और जमकर सराहना कर रहे है।
जानकारी के अनुसार, सृष्टि मिश्रा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लोदीपुर गांव की रहने वाली है और वर्तमान में उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले में स्थित गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से बीए की शिक्षा प्राप्त कर रही है। दरअसल सृष्टि ने एक दिन कैंसर के इलाज कीमोथेरेपी के बारे में एक आर्टिकल पढ़ा जिससे उन्हें कैंसर मरीजों के हेयर लॉस के बारे में पता चला इसके पश्चात उन्होंने हेयर डोनेशन का मन बनाया और इंडियन कैंसर सोसाइटी से संपर्क किया। हेयर डोनेट करने के लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया तथा बालों की गुणवत्ता बेहतर होने के बाद उन्होंने 9 जून को श्रीनगर के एक सैलून में जाकर अपने लंबे घने बाल कटवा दिए और कटे हुए बालों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से बेंगलुरु भेजा। बाल कटवाने के बाद कुछ दिनों उन्होंने दुपट्टे से अपना सिर ढका रखा जिसे देखकर उनके साथियों ने उनके हौसलें की तारीफ करते हुए उनका आत्मविश्वास बढ़ाया इसके बाद सृष्टि मिश्रा ने खुलकर इस बारे में बात करना शुरू किया।
बता दें, सृष्टि मिश्रा ने अभी तक अपने पिता को इस बारे में जानकारी नहीं दी है, लेकिन माँ को बाल डोनेट करने से पूर्व फोन कर सारी बातें बताई थी जिस पर उनकी मां ने भी बेटी के इस सराहनीय कदम को स्वीकारा। बाल डोनेट के फैसले पर सृष्टि मिश्रा कहती हैं 'समाज ने जो खूबसूरती के मानक तैयार किए हैं इससे ऊपर उठकर मैंने यह फैसला लिया है। बाल दोबारा आ सकते हैं, अगर मेरे बाल डोनेट करने से किसी के चेहरे पर खुशी आती है तो यह मेरे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है'।
कैंसर पीड़ितों के बाल उड़ जाते है-
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझना अपने आप में एक बड़ी लड़ाई है। कैंसर के ईलाज में दी जाने वाली कीमोथेरेपी से अक्सर कैंसर पीड़ित मरीजों के बाल झड़ जाते हैं। ऐसे में मरीज को अपने खूबसूरत बाल खोने का काफी दर्द होता है और उनके मन में आत्मविश्वास की कमी आने लगती है। ऐसे में कुछ महिलाएं और युवतियां विग लगाने लगती हैं। कैंसर सर्वाइवल के लिए विग मुंबई और केरल के कैंसर चिकित्सा हॉस्पिटलों की निगरानी में तैयार किए जाते हैं। वहीं, महत्वपूर्ण बात ये है कि इस तरह की विग बनाने के लिए 12 इंच से लंबे बाल चाहिए होते हैं।