उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के राजपुर रोड स्थित सरकारी स्कूल राजकीय बालिका बालिका इंटर कॉलेज में फुलब्राइट टीचिंग एक्सीलेंस एंड अचीवमेंट प्रोग्राम के तहत बच्चों को पढ़ाने के लिए अमेरिका से 2 टीचर आई है। जो खेल-खेल में विज्ञान के कई पहलुओं को बच्चों को सिखा रही हैं। साथ ही बच्चे भी बड़ी उत्सुकता के साथ अमेरिका से आई शिक्षिकाओं के साथ खेल-खेल में पढ़ रहे है।
आपको बता दें, फुलब्राइट प्रोग्राम के एलुमिनाई रमेश बड़ोनी ने बताया कि फुलब्राइट टीजीसी (टीचर्स ग्लोबल क्लासरूम) प्रोग्राम के तहत देहरादून के राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में अमेरिका से दो महिला टीचर पहुंची हैं। ये टीचर्स हमारे देश में स्कूलों में पढ़ाई को देखने के लिए आई हैं कि कैसे बच्चे गणित और विज्ञान की पढ़ाई करते हैं। उनके द्वारा बच्चों को गणित और विज्ञान को नए तरीके से पढ़ाया जा रहा है।
वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा प्रणाली को देखते हुए हमारे सरकारी स्कूलों में भी उसे लागू किया जा सके, उसके लिए कोशिश की जा रही है। वे गणित और विज्ञान की एनसीईआरटी की किताबों से जुड़े सवालों को आकर्षक ढंग से सिखा रही हैं। पढ़ाई को उबाऊ मानने वाले बैक बैंचर्स भी इसमें जुड़ रहे हैं। अमेरिका के पब्लिक गवर्नमेंट स्कूल में जिस तकनीक से पढ़ाया जाता है, उस प्रयास को यहां भी लागू किया गया है। विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रेमलता बौड़ाई ने कहा कि शिक्षा विभाग और फुलब्राइट के प्रयास से यह एक अच्छी पहल हुई है। इस से बच्चे भी बड़ी उत्सुकता के साथ पढ़ना सीख रहे हैं।
वहीं, फुलब्राइट यूएस प्रोग्राम की स्कॉलर डेनियल ने जानकारी दी कि हमने भारत के सरकारी स्कूलों में शिक्षण तकनीक को देखा। हम भारत की शिक्षा प्रणाली से रूबरू होना चाहते थे। यहां के स्कूली वातावरण और संस्कृति को जानना चाहते थे। यहां हमने बच्चों को गेम्स, गीत और ड्राइंग के जरिए सिखाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रोग्राम के तहत दिल्ली, देहरादून और बेंगलुरु के सरकारी स्कूलों में जाएंगे।
फुलब्राइट यूएस प्रोग्राम की दूसरी स्कॉलर केरीना ने कहा कि वह यहां आने के लिए काफी ज्यादा एक्साइटेड थीं। इस प्रोग्राम के तहत भारत, मोरक्को और उगाना जैसे देशों में सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ जुड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि यहां सरकारी स्कूलों में हमने देखा कि काफी ज्यादा संख्या में छात्र हैं। बच्चे काफी उत्सुकता के साथ और खुशी के साथ क्लास अटेंड कर रहे हैं। हालांकि अलग भाषा के होने के चलते हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी बच्चों ने काफी जिज्ञासु होकर पढ़ाई की।