उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि यह देवभूमि हर साल सेना में सबसे अधिक युवाओं को भेजती है। दरअसल, उत्तराखण्डी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। देश के लिए सेवा करने का जज़्बा पाले न जाने कितने ही लोग इस देवभूमि से जाते हैं और मातृभूमि की रक्षा करते हैं। और उसके बाद जब हम यह सुनते हैं कि उत्तराखण्ड की बेटियां भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना में बड़े पदों पर काबिज हैं तो गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है। ऐसे ही राज्य का नाम रौशन करने वाली पहाड़ की बेटी से आज हम आप सब का परिचय कराएंगे, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें, मूल रूप से रूद्रप्रयाग जिले के केदारघाटी क्षेत्र के गुप्तकाशी के देवर गांव निवासी राखी चौहान भारतीय सेना के मेडिकल विंग में लेफ्टिनेंट पद पर चयनित हो गई है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, राखी ने यह अभूतपूर्व उपलब्धि शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत हासिल की है। राखी ने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी से की और उच्च शिक्षा मानव भारती कॉलेज देहरादून से प्राप्त की। एक साधारण परिवार में जन्मी राखी ने सुभारती मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स पूरा किया। दिन-रात कड़ी मेहनत से पढ़ाई कर उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन की परीक्षा न केवल उत्तीर्ण की बल्कि उन्हें भारतीय सेना के ऑल इंडिया मेडिकल विंग में समूचे देश में 52वीं रैंक भी हासिल हुई।
बताते चलें कि एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली राखी के पिता दिलीप सिंह चौहान होटल व्यवसाय में कार्यरत हैं। पिता दिलीप ने जहां परिवार की आर्थिक तंगी को झेलते हुए राखी को नर्सिंग कॉलेज में दाखिला दिलाया वहीं आज राखी ने लेफ्टिनेंट पद पर चयनित होकर पूरे परिवार का मान बढ़ाया है।