उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की विख्यात पर्वतारोही पिथौरागढ़ निवासी शीतल राज ने विश्व के छठे सबसे ऊँचे पर्वत माउंट चो ओयू को फतह कर इतिहास रच दिया है। शीतल राज माउंट चो ओयू फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है। उन्होंने 8 अक्टूबर को यह सफलता प्राप्त की और इसकी जानकारी उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट में पोस्ट कर साझा की है।
बता दें, कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत शीतल राज वर्ष 2018 में कंचनजंगा एवं 2019 में माउंट एवरेस्ट के साथ ही अब तक 7075 मीटर ऊंची सतोपंत, 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल समेत अनेक ऊंची चोटियों पर फतह कर चुकी हैं। इतना ही नहीं उन्होंने 15 अगस्त 2021 को यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्बु्रस चोटी पर भी भारतीय झंडा फहराया है। तीलू रोतैली पुरस्कार हासिल करने वाली शीतल को अब भारत सरकार का सर्वोच्च साहसिक सम्मान तेंजिंग नॉर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड 2021 से नवाजा गया है।
बताते चलें, शीतल राज मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के सल्मोडा़ गांव की निवासी है और वर्तमान में वह कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत हैं। उनके पिता उमाशंकर राज टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। जबकि उनकी मां एक कुशल गृहणी हैं। शीतल ने समाजशास्त्र से ग्रैजुएट किया है। शीतल एवरेस्ट पर सफलता हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं।
अपनी नई कामयाबी पर शीतल को गर्व हैं। उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया कि 5 सितम्बर 2024 को माउंट चो ओयू का मिशन शुरू हुआ था। हालांकि उन्हें नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचने के बाद वीजा के लिए इंतजार करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने 21 सितंबर को शीतल ने बाय रोड बॉडर क्रॉस किया और किरोंग पहुंची। फिर आगे थिंगरी और 24 सितंबर को एडवांस बेसकैंप पहुंची। 8 अक्टूबर 2024 को प्रातः 8 ( चाइनीज टाइम) भारत का तिरंगा माउंट चो ओयू पर लहराया और ऐसे करने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी।