उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की लोकभाषाओं में सिनेमा का विस्तार 2025 में एक नए युग की ओर अग्रसर हो रहा है। इसी कड़ी में अविनाश ध्यानी द्वारा निर्देशित गढ़वाली फिल्म ‘खोली का गणेश’ ने राजधानी देहरादून के सिनेमाघरों में दस्तक दी और पहले ही दिन दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। ‘खोली का गणेश’ एक सशक्त उत्तराखंडी फिल्म है जो न केवल एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दे को उठाती है, बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मानवीय सुंदरता को भी सजीव करती है।
बता दें, '72 आवर्स', 'सुमेरु' और 'फूली' जैसी हिंदी फिल्में बनाने के बाद अभिनेता-निर्देशक अविनाश ध्यानी ने पहली बार एक गढ़वाली फिल्म 'खोली का गणेश' बनाई है, जो समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव पर तीखा प्रहार करती है। 'खोली का गणेश' फिल्म पहले 31 जनवरी 2025 को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसकी रिलीज़ को टालकर 18 अप्रैल 2025 कर दिया गया। रिलीज के साथ ही फिल्म ने दर्शकों के बीच जबरदस्त पकड़ बना ली है। फिल्म का पहला शो हाउसफुल रहा और दर्शकों से इसे भरपूर सराहना मिली।
फिल्म में शुभम सेमवाल और सुरुचि सकलानी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं और अपने शानदार अभिनय से फिल्म को सजीव कर दिया है। विनय जोशी ने फिल्म में अभिनय के साथ-साथ हृदयस्पर्शी गीतों की रचना कर दर्शकों का दिल जीत लिया। अभिनेता दीपक रावत ने के सशक्त अभिनय को दर्शकों ने विशेष रुप से सराहा है। फिल्म में रश्मि नौटियाल, दिव्यांशी कुमोला, राजेश नोग्गिन, श्वेता थपलियाल, सुशील रानाकोटी, गोकुल पंवार, और अरविंद पंवार ने भी अपने-अपने किरदारों से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी है। यह फिल्म दोपहर 2:20 बजे मॉल ऑफ देहरादून स्थित पीवीआर में और शाम 5:40 बजे सेंट्रियो मॉल के पीवीआर में दिखाई जा रही है। फिल्म की लोकप्रियता को देखते हुए अब यह 25 अप्रैल से दिल्ली और कोटद्वार के सिनेमाघरों में भी रिलीज़ हो रही है।