उत्तर नारी डेस्क
जी हां, ये हकीकत है, थाना भगवानपुर क्षेत्र से गांव ---, --- की रहने वाली मात्र 12 वर्ष की बच्ची जो घर से निकली तो थी नज़दीक ही पानी लेने पर खेल खेल में पहुंच गयी बोरीवेली मुम्बई। अचरज की बात ये भी है कि भगवानपुर से मुम्बई तक का सफर तय करने के लिए इस छोटी सी बच्ची ने बस का भी सफर किया और लौहपथ गामिनी का भी लेकिन पूरे सफर कोई भी सज्जन ऐसा न मिला जो उस नन्ही सी बच्ची को पूछ ले कि "बेटा आप अकेले कहां जा रहे हो।"
यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड : महिलाकर्मी को गेस्ट हाउस बुलाकर जिला विकास अधिकारी ने अश्लील हरकतें, मुकदमा दर्ज
बता दें कि बीती 20 अगस्त को बच्ची के पिता द्वारा थाना भगवानपुर कार्यालय में आकर प्रकरण बताए जाने पर तुरंत मुकदमा कायम किया गया और नाबालिक बच्ची के अचानक इस प्रकार से न मिलने पर संवेदनशील भगवानपुर थानाध्यक्ष पी०डी० भट्ट ने स्थिति को भांपते हुए चौकी काली नदी के इंचार्ज SI पुष्पेन्द्र सिंह को बच्ची की सकुशल बरामदगी की जिम्मेदारी सौंपते हुए टीम का गठन किया। गठित टीम द्वारा गुमशुदा की तलाश हेतु लाभप्रद सूचना संकलन करने के साथ-साथ विभिन्न आधुनिक संचार साधनों का सहयोग लेते हुए हर संभावित तरीके से दिनरात अथक प्रयास कर बच्ची की सूचना मुंबई प्राप्त होने पर तत्काल परिजनों को अपने साथ ले जाकर थाना बोरीवेली मुम्बई महाराष्ट्र से सकुशल बरामद कर वैधानिक कार्यवाही उपरांत बच्ची को उसके परिजन माता/पिता के सुपुर्द किया। पूर्ण कुशलता के साथ एक-दूसरे से मिलकर पूरा परिवार खुश है। इस नाजुक मामले को अति संवेदनशीलता से लेते हुए बच्ची को सकुशल बरामद कराए जाने पर क्षेत्रीय जनता द्वारा भगवानपुर पुलिस का आभार व्यक्त किया गया और कहा - "धन्यवाद हरिद्वार पुलिस।"
यह भी पढ़ें - कोटद्वार : उत्तराखण्ड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा द्वारा आंदोलनकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर तहसील में धरना प्रदर्शन

