उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के कोटद्वार क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई हैं। खबर ये है कि कोटद्वार नगर निगम के खाते से किसी ने फर्जी तरीके से 23 लाख रूपये में हाथ साफ कर लिया है। बैंक आफ इंडिया की स्थानीय शाखा की ओर से नगर निगम को पूर्व में दो चेकबुक जारी की गयी थी, जिसके जरिए नगर आयुक्त व लेखाधिकारी के जाली हस्ताक्षर कर 23 लाख की धनराशि निकाली गई है। वहीं, बड़ा सवाल ये है कि निगम की चेकबुक बाहर कैसे आई? वहीं, ठगी की जानकारी मिलते ही नगर आयुक्त पीएल शाह ने कोटद्वार कोतवाली में इसकी तहरीर दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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आपको बता दें कि कोटद्वार नगर निगम का गठन 3 वर्ष पहले हुआ था। निगम के गठन से पूर्व सभी बैंक खातों का संचालन नगर पालिका कोटद्वार के नाम से हो रहा था। इसी क्रम में कोटद्वार नगर पालिका ने 1979 में बैंक आफ इंडिया की कोटद्वार शाखा में एक खाता खोला, जिसके बाद बैंक ने 23 अगस्त 2005 को नगर पालिका और 3 फरवरी 2018 को नगर निगम के नाम से दो चेकबुक जारी की। वहीं, नगर निगम प्रशासन के अनुसार, इन चेकबुकों के बारे में निगम प्रशासन के पास कोई भी जानकारी नहीं थी। उन्हें तो 2-3 दिन पहले खातों की जांच के दौरान पता चला कि इन चेकबुकों के जरिये बैंक से करीब 23 लाख की धनराशि निकली गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, निगम के खाते से यह धनराशि पिछले दो माह में निकाली गई। जब इस संबंध में बैंक से जानकारी जुटाई गई तो निगम प्रशासन के होश उड़ गए।बैंक ने बताया कि चेकों में नगर आयुक्त के साथ ही लेखाधिकारी के जाली हस्ताक्षर थे।
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