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उत्तराखण्ड : डीजीपी ने जब लिया संज्ञान तो ऐसे बची आत्महत्या करने जा रहे युवक की जान

उत्तर नारी डेस्क 


मनुष्य का जीवन मात्र कुछ ही दशकों का होता है और इतने कम समय में न जाने कितने ही जीवन के झंझावातों की वैतरणी को पार करना होता है। समझदार मनुष्य इसको कर्मों का खेल व ईश्वरलीला समझकर धैर्यपूर्वक पार कर जाते हैं जबकि कुछ इसमें उलझकर/हारकर इसी में समा जाना चाहते हैं.... बेहतर कौन! हरिद्वार जनपद में लगभग रोज आने वाले नित नए मामलों में हरिद्वार पुलिस के पास इतना समय ही नही होता कि कौन बेहतर! हरिद्वार पुलिस को तो हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है ऐसे में कुछ में जल्दी और कुछ में देर में सफलता प्राप्त होती है। ऐसा ही एक मामला अचानक अभी कुछ ही घंटे पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के समक्ष आया जिसमें उन्हें दूरसंचार के माध्यम से सूचना मिली कि सर्वोदय नगर शास्त्री गंज हैदराबाद निवासी --- जो भारी मानसिक तनाव के चलते किसी गंगा शीर्षक होटल, हरिद्वार में आत्महत्या करने के इरादे से रह रहे हैं। एक पल की भी देरी, अनहोनी में तब्दील हो सकती है। वहीं, हमेशा की तरह एक्टिव, डीजीपी ने सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अवुदई कृष्णराज एस से वार्ता कर प्रकरण से अवगत कराते हुए व्यक्ति को सकुशल तलाशने हेतु निर्देशित किया।

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बड़े व पेचीदा मामलों पर अपने कुशल निर्देशन व सटीक विश्लेषण के लिए पूरे प्रदेश में पहचान रखने वाले एसएसपी हरिद्वार द्वारा तुरंत सिटी के अधिकारीगण को कार्ययोजना बनाते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए व समय-समय पर जानकारी भी ली। नि:संदेह यह एक बड़ा टास्क था जिसमें कुछ पल की तेजी और कुछ पल की देरी का अन्तर जीवन और मृत्यु के सापेक्ष था। माँ गंगा के नाम से हरिद्वार शहर की पहचान होने के कारण अनेकों होटल इस नाम से हैं। यह भी एक बड़ी चुनौती थी कि गंगा शीर्षक के अनेकों होटलों की न सिर्फ तुरंत पहचान करनी थी बल्कि तत्काल तलाशी लेकर युवक की जान भी बचानी थी। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीओ सिटी अभय कुमार सिंह द्वारा स्वयं भी धरातल पर उतरते हुए SHO कोतवाली नगर को पुलिस टीमों व समस्त मोबाइल चेतकों को जनपद हरिद्वार के गंगा नाम के सभी होटलों को तलाश किया व करने को कहा गया। चारों दिशाओं मे फैल कर पुलिस टीम ने सूझ-बूझ के साथ बिना रूके लगातार प्रयासों के पश्चात मात्र 40 मिनट के भीतर होटल गंगा एजोर के एक कमरे से उक्त व्यक्ति को परेशान व किंकर्तव्यविमूढ़ अवस्था में बरामद किया।  

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बता दें कि मन भ्रमित हो व नकारात्मक उर्जा की चपेट में हो तो मानसिक स्थिति बेहद संवेदनशील हो जाती है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए सीओ सिटी द्वारा स्वयं व पुलिस टीम तथा अन्य के साथ युवक की काउंसलिंग की गयी व जीवनदर्शन का सार समझाते हुए युवक को आत्महत्या जैसी नकारात्मकता का विचार त्यागने पर राजी किया। युवक की मनः स्थिति सुदृढ प्रतीत होने पर समझा-बुझाकर हरिद्वार रहने वाले उसके भाई ---- निवासी आवास विकास कॉलोनी रुड़की हरिद्वार व भाभी --- के सुपुर्द किया। अपने सदस्य को सकुशल वापस पाकर हर्षित परिवारजन द्वारा डीजीपी अशोक कुमार का ह्रदय से आभार व्यक्त किया गया एवं कहा- "धन्यवाद हरिद्वार पुलिस।"

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