उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर दोनों की जुबानी जंग चर्चा का विषय बन गई है। जी हाँ हरीश रावत लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। अब इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पाकिस्तानी सेना के जनरल बाजवा को प्रा (भाई) कहे जाने पर सियासत गरमाई हुई है। जिस पर भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पाकिस्तानी सेना के जनरल को प्रा (भाई) कहे जाने पर कड़ा एतराज जताया है। बलूनी ने कहा है कि हरीश रावत ऐसे व्यक्ति को भाई कह रहे हैं, जिसके हाथ भारतीयों और उत्तराखण्ड के वीर जवानों के खून से रंगे हैं।
यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड में निकली 5वीं और 8वीं पास युवाओं के लिए भर्ती, जल्द करें आवेदन
हरीश रावत ने पाकिस्तानी सेना के जनरल बाजवा को कहा प्रा (भाई)
असल में मामला उस बयान का है, जिसमें हरीश रावत ने पाकिस्तान के साथ भारत के राजनीतिक संबंधों को लेकर दिए एक बयान में पाकिस्तानी सेना के जनरल को ‘प्रा’ यानी भाई कह दिया है। जिस पर बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने रावत को घेरते हुए एक वीडियो बयान में कहा कि हरीश रावत का एक दुर्भाग्यपूर्ण बयान देखने को मिला। बयान में वह पाकिस्तानी सेना के जनरल को प्रा यानी भाई कह रहे हैं। बलूनी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को भाई कहा जा रहा है, जिसके हाथ भारतीयों और उत्तराखण्ड के वीर जवानों के खून से रंगे हुए हैं। हम इस बयान की निंदा करते हैं।
राज्यसभा सदस्य बलूनी ने कहा कि हरीश रावत देवभूमि उत्तराखण्ड के रहने वाले हैं। इस राज्य के प्रत्येक घर से कोई न कोई व्यक्ति सेना में है। ऐसे में रावत का बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि रावत इस तरह का सोचा-समझा बयान देकर किस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और कहां के वोट बैंक को साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है, उसे रावत द्वारा प्रा कहा जा रहा है।
यह भी पढ़ें - बेरोजगारी से तंग युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
आप तो पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं। आप नवजोत सिद्धू के बयान को जस्टीफाई कर रहे हैं। वहां के पूर्व मुख्यमंत्री आप ही के पार्टी के नवजोत सिद्धू को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं और आप उनकी प्रशंसा के पुल बांध रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि के व्यक्ति से इस प्रकार के शब्दों की अपेक्षा बिल्कुल भी नहीं की जा सकती है। आपने जो किया, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और दुख देने वाला है। तो वहीं इस पर रावत ने उन्हें साफ कह दिया है कि, ‘अपना लेक्चर अपने पास’ रखें।
हरदा ने बलूनी पर किया पलटवार कि, ‘लेक्चर न दें’
बलूनी ने कटाक्ष को खारिज करते हुए ट्विटर और फेसबुक पर रावत ने एक चिट्ठीनुमा बयान फिर पोस्ट किया, जिसमें बलूनी को साफ तौर पर नसीहत दी। उन्होंने अपने बयान पर पूरी सफाई देते हुए बलूनी के लिए लिखा, ‘बलूनी को मुझे नसीहत देने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए। मेरे परिवार, रिश्तेदारी-नातेदारी में कई लोग सिपाही से लेकर के ब्रिगेडियर तक सेना में विभिन्न पदों पर सेवा दे चुके हैं, शहीद हो चुके हैं। इसलिए बलूनी अपने लेक्चरों को सुरक्षित रखें।’
यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड में 10वीं पास युवाओं के लिए ग्रामीण डाक सेवक बनने का सुनहरा मौका, तुरंत करें आवेदन
हरदा ने फेसबुक पोस्ट करते हुए कहा पाक पीएम से गले मिले थे पीएम मोदी
भाजपा के नेता इस तथ्य से परिचित हैं कि विभाजन के बाद जो हिस्सा पाकिस्तान में रह गया पंजाब का, उसे भी पंजाब ही कहा जाता है और वहां रहने वालों को पंजाबी ही कहा जाता है। सिद्धू यदि दूसरे पंजाबी व्यक्ति से जो पाकिस्तान का जनरल है, उससे गले मिले तो वो एक धार्मिक सुख संवाद को देने के क्रम में मिले, गले मिले तो एक धार्मिक सुसंवाद को जो श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने के विषय में था उसको लेकर के मिले, उसमें भाजपा को राजनीति नजर आती है। मगर मुझे कोई राजनीति नजर नहीं आती है, मुझे तब भी राजनीति नजर नहीं आई थी।
जब पीएम मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज_शरीफ के घर चले गये थे और वहां उनसे गले मिले थे, और वहां बिरयानी का लुत्फ़ उठाया था, क्योंकि हर समय हम विद्वेष की नजर से ही हर किसी को नहीं देखते हैं। जहां तक रहा सवाल उत्तराखण्ड की सैन्य परंपरा को याद दिलाने का, अनिल बलूनी जी को जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। मेरे परिवार, रिश्तेदारी-नातेदारी में सिपाही से लेकर के ब्रिगेडियर तक विभिन्न पदों पर शोभायमान हैं। मेरे भतीजे, मेरे भांजे, मेरे रिश्तेदार-नातेदार, आम उत्तराखण्डी के तरीके से विभिन्न सैन्य पदों को सुशोभित कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है। मुझे इस बात का भी गर्व हासिल है कि आतंकवाद से लड़ते हुए कश्मीर में मेरे दामाद शहीद हुये थे, तो मुझे भाजपा के दोस्तों से राष्ट्रवाद और सैन्य सम्मान व सैन्य बलिदान पर कुछ लेक्चर की आवश्यकता नहीं है, इसलिये अपने लेक्चरों को वो सुरक्षित रखें।
यह भी पढ़ें - कोरोना संक्रमण के नहीं मिले मामले फिर भी लगा इस शहर में नाइट कर्फ्यू, पढ़ें पूरी ख़बर