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हल्द्वानी : बाल मित्र पुलिस की हुई शुरुआत, जानें इसके बारे में

उत्तर नारी डेस्क

कहते हैं बच्चे मन के सच्चे होते हैं बच्चों को जिस माहौल में ढ़ाला जाए, वे उस माहौल में ढ़ल जाते हैं परन्तु आज के दौर में अभिभावक अपनी दिनचर्या के व्यस्तता होने के कारण बच्चों पर नजर नहीं रख पाते। इस दौरान वह अनजाने में अपनी दिशा से भटक कर कई बार कुछ ऐसी गलती कर बैठते हैं जो कि अपराध की श्रेणी में आ जाती है। ऐसे में अगर उन बच्चों को आम पुलिस थाने ले जाया जाता है तो उनपर गलत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उन्हें बेहतर माहौल मिलना और भी जरूरी हो जाता है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड पुलिस ने 13 जिलों में बाल मित्र थाने पुलिस की शुरुआत कर एक सराहनीय प्रयास किया है। जहां बालमित्र थाना में पारिवारिक विवाद के मामले के दौरान थाने में परिजनों के साथ आने वाले छोटे बच्चों को खेलने और पढ़ने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। ताकि उनके भविष्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़ सके। 

आपको बता दें इसी क्रम को बनाए रखते हुए कुमाऊं के हल्द्वानी में भी ऐसा थाना खुल गया है। जो केवल 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए होगा। बाल मित्र थाने में एक महिला उपनिरीक्षक दीपा जोशी एवं एक महिला पुलिस कर्मी की नियुक्ति की गई है। तथा बाल आयोग के सदस्य व बेहतर काउंसलर भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जो कि बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें अपराध से दूर रखने की कोशिश करेंगे।

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तो वहीं यहां बच्चों की सुविधा और उनके खेलने के लिए झूलों और खिलौनों की व्यवस्था भी की गई है और बच्चो को गुड टच और बेड सच में अंतर भी समझाया जायेगा। ताकि अनजाने में अपनी राह से भटक जाने वाले बच्चों को इन थानों से तनाव कम करने में खासा मदद मिले।

बताते चलें सहायता के लिए बच्चों के अभिभावक जिला बाल संरक्षण समिति हल्द्वानी के नम्बर 9756490227 पर संपर्क कर सकते हैं। डीआइजी नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) के अनुरूप कार्यवाही करने तथा बच्चों के हित में अपनी भूमिका निभानी है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बच्चों के साथ थानों में मित्रवत व्यवहार किया जायेगा और उनके हितों को प्राथमिकता दी जायेगी। लाजमी है कि इस प्रयास से समाज मे जबरदस्त सुधार आएगा।

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