उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की धर्म नगरी हरिद्वार में 3 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है। जिसमें विदेशों में मशरूम उत्पादन करने की जानकारी का लाभ काश्तकारों को दिया जा रहा है।
बता दें अंतरराष्ट्रीय एप्पल फेस्टिवल के बाद अब राज्य के अन्य उत्पादों की ब्रांडिंग के मकसद से यह फेस्टिवल की श्रृंखला शुरू की जा रही है। हरिद्वार के ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में 18 से 20 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव में मशरूम उत्पादों की प्रदर्शनी करने के लिए 40 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही थाईलैंड, मलेशिया और जापान में मशरूम उत्पादनों की नवीनतम तकनीक के माध्यम से प्रस्तुतीकरण कर लोगों को लाभ दिया जा रहा है। तो वहीं इस कार्यक्रम को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संबोधित किया है।
बताते चलें अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल 2021 हरिद्वार का सबसे अनोखा त्योहार माना जाता है। इस अंतर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सव को भारत के एक अनोखे त्योहार के रूप में हरिद्वार के ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में मनाया जाता है। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य मशरूम और इसके लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इसके अलावा उत्तराखण्ड में मशरूम की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने में रुचि पैदा करना है। इस महोत्सव में उल्लेखनीय वक्ताओं को मशरूम और संबंधित गतिविधियों पर संबोधित करने के लिए आमंत्रित भी किया गया है।
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इस संबंध में उत्तराखण्ड के उद्यान और प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. हेमेंद्र सिंह बवेजा ने बताया कि उद्यान विभाग के तहत जिलों में कार्य कर रहे 100 से अधिक सहायक विकास अधिकारियों को प्रशिक्षित कर मशरूम विशेषज्ञ बनाया जाएगा। साथ ही उत्तराखण्ड के 20 हजार युवाओं को इससे रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से मशरूम के किसानों को बैंक लोन में 35 प्रतिशत लाभ भी दिया जाएगा।
इस महोत्सव को करने का उद्देश्य यह है कि प्रतिभागियों को सिखाया जाए कि मशरूम और जंगली खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत विविधता की पहचान कैसे करें।
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