उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड को अलग राज्य बने 21 साल हो चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश में मूलभूत सुविधाओं की कमी देखी जाती है। गौरतलब है कि कण्व नगरी कोटद्वार गढ़वाल का द्वार होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण शहर है, लेकिन इसके बावजूद भी विकास के कई मामलों में यह आज भी पिछड़ा हुआ है। इन पिछड़े मामलों में से एक मामला है- रात्रि बस सेवा का न होना। आप तो जानते ही हैं कि कोटद्वार के अधिकतर लोग नौकरी के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ और जयपुर जैसे शहरों में बसे हुये हैं। जिनमें से कई यात्रियों का तो प्रतिदिन आना-जाना होता रहता है। इसके बाद भी कोटद्वार से इन शहरों के लिए एक भी रात्रि बस उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से इन लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो वहीं, दिन में शहर में अत्यंत भीड़ एवं ट्रैफिक जाम की समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है। प्रदेश का उच्च न्यायालय नैनीताल जिले में स्थित है, जिस वजह से कई लोगों को कोर्ट से सम्बंधित कार्यों के लिए नैनीताल जाना होता है। लेकिन इसके बाद भी नैनीताल जिले के लिए कोई रात्रि बस सेवा भी उपलब्ध नहीं है।
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आपको बता दें कि इस मुद्दे की गम्भीरता को समझते हुए उत्तराखण्ड क्रान्ति दल डेमोक्रेटिक के अधिवक्ता रोहित डंडरियाल ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने यह मांग रखी है कि नैनीताल, दिल्ली, चंडीगढ़ और जयपुर जैसे मुख्य शहरों के लिए रात्रि बस सेवा शुरू की जाए। वहीं, उन्होंने बताया कि कोटद्वार में ट्रेन की उचित व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है, इस वजह से इस मुद्दे का तत्काल समाधान होना अति आवश्यक है। उन्होंने परिवहन विभाग से आग्रह कर उक्त समस्या पर संज्ञान लेते हुए शीघ्र ही जनमानस के हित में कोटद्वार नगर से रात्रि 10.30 बजे सामान्य बस एवं रात्रि 11 बजे AC बस का संचालन करने की मांग की है। उन्होंने अब तक के जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल खड़े किए कि क्यों इस तरह की सुविधाओं से कोटद्वार वंचित है!
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