उत्तर नारी डेस्क
भारत सरकार ने लोगों द्वारा हाथियों को उत्पाती, पागल गुस्सैल, बिगडै़ल आदि जैसे नामों से पुकारे जाने पर प्रतिबंध लगाने और हाथियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए निर्देश जारी किये हैं। इस संबध में भारत सरकार ने सभी राज्यों के प्रमुख वन संरक्षकों को पत्र भी जारी कर दिया हैं। बता दें कि खेतों में लहराती फसल को कुचल देने और जाने - अनजाने लोगों की जाने लेने वाले हाथियों से परेशान होकर लोग उन्हें इन नामों से पुकारते हैं। वहीं, हाथियों के द्वारा मचाए गए उत्पात से परेशान होने के कारण लोगों में हाथियों के प्रति डर बढ़ता जा रहा है और साथ ही नफरत की भावना भी बढ़ती जा रही है। जिसको देखते हुए कुछ वन्य जीव प्रेमियों ने हाथियों के प्रति बढ़ती नफरत को कम करने के लिए भारत सरकार काे एक पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने हाथियों के लिए हो रहे ऐसे संबोधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए भारत सरकार ने सभी राज्यों के प्रमुख वन संरक्षकों को पत्र जारी कर इन संबोधनों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये हैं।
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बता दें कि कार्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल का कहना है कि हाथी और वन्यजीवों की अपेक्षा सबसे समझदार और संवेदनशील प्राणी होते है। उनका कहना है कि जब तक हाथियों पर संकट नहीं आता तब तक वह किसी पर आक्रमण नहीं किया करते। इसलिए ही उनको सम्मान की दृष्टि से देखे जाने के साथ गजराज, गज, हस्ती, मतंग, कुम्भी, मदकल, गजेन्द्र, कुंजर, द्विप, वारण, करीश आदि नामों से पुकारा जाना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि वैसे भी हिन्दू धर्म में हाथियों को गणपति भगवान के रूप में पूजा जाता है। इसलिए उनका नाम आदर सम्मान के साथ पुकार जाना चाहिए।
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