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रुद्रप्रयाग : सुमन बनीं सहायक वन संरक्षक, क्षेत्र में खुशी का माहौल

उत्तर नारी डेस्क

आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां देवभूमि उत्तराखण्ड की बेटियों ने अपनी सफलता की कहानी ना लिखी हों। उत्तराखण्ड की बेटियां हर क्षेत्र में उच्च पदों पर काबिज हैं और अपने हुनर और परिश्रम से अपना नाम रोशन कर रही है। इसी क्रम में अब उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले की सुमन का चयन सहायक वन संरक्षक के पद पर हुआ है। सुमन की सफलता से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है और हर कोई उन्हें बधाई दे रहा है।  

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आपको बता दें कि सुमन विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत ग्राम कमसाल की रहने वाली है। वहीं, सुमन ने प्राइमरी की पढाई प्रावि कमसाल से की है, जबकि इंटरमीडिएड नवोदय विद्यालय जाखधार से किया। इसके बाद सुमन पढाई के लिए देहरादून चली गई थी। उनके पिता राकेश लाल आर्मी से रिटायर हैं। उनकी 2 बेटियां और 2 बेटे है। जिनमें सबसे बड़ी बेटी मंजू सैलानी है, जो उत्तरकाशी में नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात है, जबकि उनका एक बेटा जिले के जखोली में फार्मासिस्ट है। वहीं, उनकी तीसरी बेटी सुमन का चयन सहायक वन संरक्षक के पद पर हुआ है। वह अभी वर्तमान में देहरादून में वन विभाग में रेंजर के पद पर कार्यरत है, जबकि सबसे छोटा बेटा भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है। वहीं, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुलोचना देवी ने बताया कि सुमन बचपन से ही पढ़ाई में तेज रही है।

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डुंडा के सुनील दत्त बलोनी बने सहायक वन संरक्षक

तो वहीं, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सहायक वन संरक्षक परीक्षा में डुंडा गांव निवासी सुनील दत्त बलोनी ने 32वीं रैंक हासिल कर जनपद का गौरव बढ़ाया है। सुनील के पिता मूर्ति लाल बलोनी वन विभाग में ही वन दरोगा के पद पर कार्यरत हैं और माता भुवनेश्वरी देवी गृहणी है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नवोदय विद्यालय पुरोला से हुई है। उसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से मेकैनिकल में बीटेक एवं एनआईटी हमीरपुर से 2015 में एम टैक की उपाधि हासिल की। इससे पूर्व 2016 में लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित वनक्षेत्राधिकारी की परीक्षा दी थी। लेकिन फिजिकल परीक्षा में वह असफल हो गए। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और सहायक वन संरक्षक परीक्षा में 32वीं रैंक हासिल की।

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