Uttarnari header

uttarnari

आपदा से बचाव के लिए राज्य में रखी जाएगी सेटेलाइट से निगरानी

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड राज्य की आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता के दृष्टिगत एवं सुदूर तकनीकी के आपदा के क्षेत्र में महत्व को देखते हुए आज दिनांक 10 नवंबर 2021 को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग उत्तराखण्ड सरकार तथा IIRS(ISRO) भारत सरकार के मध्य दो विषयों पर समझौता ज्ञापन एमओयू (MOU) हुए है।

इस एमओयू के संबंध में आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने के बाद बताया कि भारतीय सुदूर संस्थान अंतरिक्ष तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियरों, हिमस्खलन, भू-स्खलन इत्यादि खतरों की सेटेलाइट के माध्यम से सतत निगरानी करेगा और संभावित खतरों से पूर्व राज्य सरकार को सूचना देगा। इसके साथ ही राज्य के कर्मचारियों को आपदा एवं राहत बचाव के लिए प्रशिक्षित भी करेगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता आने वाले समय के लिए राज्य के लिए अहम होंगे। 

यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड : अक्षज त्रिपाठी की गेंदबाजी के कायल हुए ऑस्ट्रेलिया के माइक हसी 

 उत्तराखण्ड सरकार तथा IIRS(ISRO) भारत सरकार के मध्य दो विषयों पर ये है समझौता

1. आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए भूस्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सहयोग। प्रथम समझौता ज्ञापन के अंतर्गत भारतीय सुदूर संस्थान देहरादून द्वारा USDMA को अंतरिक्ष तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली के अंतर्गत होने वाले सतत विकास से अवगत करवाते हुए समय समय पर विभिन्न विभागों एवं आपदा प्रबंधन क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा पूर्व में तैयार किये गए भौगोलिक सूचना प्रणाली पर आधारित उत्पाद पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे आपदा पूर्व तैयारी के कार्यों में दक्षता हासिल होगी।

2. उत्तराखण्ड में उपग्रह आधारित पर्वतीय खतरे का आंकलन एवं निगरानी। द्वितीय समझौता ज्ञापन के अंतर्गत राज्य के हिमालयी क्षेत्रों में अवस्थित ग्लेशियर, अवलांच, भूस्खलन इत्यादि खतरों की सेटेलाइट के माध्यम से सतत निगरानी की जाएगी तथा संभावित खतरों से राज्य को समय पूर्व सूचना प्रदान की जाएगी।

तो वहीं एस ए मुरुगेसन,सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सुदूरवर्ती तकनीकी के महत्व पर बल देते हुए विगत में हुई आपदाओं के दौरान इस तकनीकी की मदद से आपदा पूर्व तैयारी में मिले सहयोग के बारे में बताया। साथ ही इस तकनीकी के माध्यम से आपदा जोखिम न्यूनीकरण में किस प्रकार विभाग को सहयोग मिला है इससे विशेषज्ञों को परिचित कराया।

इस अवसर पर आईआईआरएस देहरादून के डीन डॉ एसके श्रीवास्तव, डॉ अरिजीत राय, डॉ हरिशंकर, डॉ आरएस चटर्जी, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव, प्रो एमपीएस बिष्ट सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।

यह भी पढ़ें - देहरादून : हावड़ा एक्सप्रेस की छत पर चढ़ा युवक, हाईटेंशन तार को पकड़ की आत्महत्या की कोशिश


Comments