ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
04-नवंबर-2021
वार:--------गुरुवार
तिथी :-------15अमावस्या26:44
पक्ष :---------कृष्णपक्ष
माह:-----------कार्तिक19गते
नक्षत्र:-----------चित्रा/स्वाति/07:42/29:07
योग:------------प्रीति11:09
करण:------------चतुष्पद16:25
चन्द्रमा:-------------तुला
सुर्योदय:-------------06:53
सुर्यास्त:---------------17:50
दिशा शूल---------------.दक्षिण
निवारण उपाय:-दही का सेवन
ऋतु :---***शरद्-हेमंत ऋतु
गुलीक काल:-09:00से 10:30
राहू काल:------13:30से15:00
अभीजित....11:50से12:38
विक्रम सम्वंत .........2078
शक सम्वंत ............1943
युगाब्द ..................5123
सम्वंत सर नाम:-राक्षस-राक्षस
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-06:53से08:13तक
चंचल:-10:57से12:19तक
लाभ:-12:19से13:41तक
अमृत:-13:41से15:03तक
शुभ:-16:25से17:50तक
🌗चोघङिया रात🌓
अमृत:-17:50से19:30तक
चंचल:-19:30से21:08तक
लाभ:-00:24से02:02तक
शुभ:-03:40से05:18तक
अमृत:-05:18से06:53तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 206वाँ दिन, दीपावली (स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त्त), श्री महालक्ष्मी पूजन (पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय:- सायं 18:32 से 18:45 बजे तक, जिसमें प्रदोषकाल, स्थिर वृष लग्न तथा कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा), महाकाली पूजा, कमला जयंती, देवपितृकार्य अमावस्या, महावीर निर्वाण दिवस (जैन), केदार गौरी व्रत (द.भा.में), प्रभात स्नान, महालक्ष्मी-कुबेर-इन्द्र पूजा, अन्वाधान, चन्द्रोदय प्रातः 05:55 प्रातः 06:03 पर अभ्यंगस्नान, उल्का दर्शन, कौमुदी महोत्सव समाप्त, नरक चतुर्दशी निमित्त सायं दीपदान
🏡वास्तु टिप्स🏡
गेराज व बेसमेंट के ऊपर कभी अतिथि कक्ष नहीं बनाना चाहिए। इससे कमरे में ऊर्जा अस्थिर होती है और मेहमान का मालिक से झगड़ा हो जाता है।
🕉 तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-
दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातनी हिंदू त्योहार है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।
📿 आज का मंत्र :-
॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥
॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥
🔯 महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-
॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥
🐑🐂 राशिफल🐊🐬
🐏 राशि फलादेश मेष :-
परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विरोधी सक्रिय रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य पर काम का असर पड़ेगा। लापरवाही न करें। कोई बड़ा काम हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।
👫 राशि फलादेश मिथुन :-
रचनात्मक कार्य पूर्ण सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। ईष्ट मित्रों के साथ सुखमय समय व्यतीत होगा। व्ययवृद्धि होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। आलस्य हावी रहेगा। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम वाले कार्य बिलकुल न करें।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
बिना वजह बहस हो सकती है। झंझटों से दूर रहें। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। दु:खद सूचना मिल सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दौड़धूप अधिक होगी। बनते कामों में बाधा आएगी। थकान महसूस होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा, धैर्य रखें।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे। काम में अधिक ध्यान दे पाएंगे।
👩🏻 राशि फलादेश कन्या :-
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। शुभ सूचना प्राप्त होगी। कार्य के विस्तार का मन बनेगा। पार्टनरों का मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। आय बनी रहेगी। नौकरी में प्रमाद न करें। विवाद से क्लेश होगा। झंझटों में न पड़ें।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
यात्रा लाभदायक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलता रहेगा। थकान रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। दूसरों से अपेक्षा न करें। बनते कामों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। बेचैनी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। लेन-देन में सावधानी रखें। कारोबार में जोखिम न लें। दूसरों की बातों में आकर बड़ा नुकसान हो सकता है।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। समय पर कर्ज चुकाने की व्यवस्था बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। परिवार में तनाव रह सकता है। मतभेद दूर करें। सोच-समझकर निर्णय लें। जोखिम न उठाएं।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
सरकारी महकमे में सम्मान मिलेगा। सुख के साधनों पर व्यय होगा। आर्थिक नीति बनेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। प्रभावशाली व्यक्ति सहयोग करेंगे।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
पूजा-पाठ में मन लगेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। दूसरों की बातों में न आएं। प्रसन्नता रहेगी। मानसिक बेचैनी रहेगी।
🐋 राशि फलादेश मीन :-
चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से बचें। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। समय ठीक नहीं है। अत: निर्णय लेने में विवेक का प्रयोग करें। झंझटों से दूर रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
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