उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड सरकार ने नई खेल नीति पर बीते मंगलवार को मुहर लगा दी है। जिसके मुताबिक खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ ही उत्तराखण्ड में अब खेल प्रतिभाओं को चहुंमुखी विकास का मौका भी मिलेगा।
आपको बता दें कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उत्तराखण्ड के प्रतिभावान खिलाड़ियों को शैक्षणिक, तकनीकी एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेश पर पांच प्रतिशत खेल कोटा दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना होगी। इसके साथ ही खिलाड़ियों को खेल उपकरणों के लिए डेढ़ लाख रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा।
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नई खेल नीति के तहत उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर दो करोड़ रुपये के साथ ही समूह ख के 5400 ग्रेड पे वाले पद पर नियुक्ति दी जाएगी। रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को डेढ़ करोड़, कांस्य पदक जीतने वाले को एक करोड़ एवं ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को 50 लाख रुपए दिए जाएंगे। सभी पदक विजेताओं के एक समान समूह ख में 5400 ग्रेड पे के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। इस के अलावा विश्व चैंपियनशिप से लेकर राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेताओं को नगद धनराशि के साथ ही समूह ग में ग्रेड पे 2000 रुपये तक में नियुक्ति देने की व्यवस्था की गई है।
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साथ ही नई खेल नीति के तहत खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए 5 साल, 10 साल और 15 साल के आधार पर कार्ययोजना भी बनाई जाएगी। वहीं ग्राम स्तर पर युवा प्रतिभाओं की पहचान के लिए खेल प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा। खेलों के विकास के लिए महाविद्यालयों में न्यूनतम पांच खेल विधाओं के अलग मैदान बनाए जाएंगे जिसमें बच्चे अच्छे से प्रैक्टिस कर सकें। सरकार सभी बालक-बालिकाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह की राशि भी प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत 14 से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जिला स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रेक सूट और खेल उपकरण दिए जाएंगे। हर जिले के 100 खिलाड़ियों को हर माह दो हजार रुपये की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। इसके साथ ही राज्य में खेल विकास संस्थान की स्थापना होगी और खिलाड़यिों, प्रशिक्षकों एवं निर्णायकों के कौशल विकास का कार्य किया जाएगा। इसके तहत वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण एवं शोध सस्थान भी स्थापित होंगे।
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