शीतल बहुखण्डी
उत्तराखण्ड यूं तो पूरी दुनिया में अपनी अलग लोक संस्कृति, धार्मिक स्थलों और पर्यटन के लिए मशहूर है, लेकिन इन दिनों यहाँ चर्चा में है बुलडोज़र बाबा के नाम से प्रसिद्ध योगी आदित्यनाथ। जी हाँ योगी आदित्यनाथ के नाम से तो हर कोई वाकिफ है। जो आज सन्यासी होकर भी देश की एक मशहूर राजनीतिक शख्सियत बन चूका हैं, परन्तु क्या आपको पता है कि योगी आदित्यनाथ कहाँ के रहने वाले हैं और उनका असल नाम क्या है? तो चलिए आज हम आपको उत्तराखण्ड के मशहूर शख्सियत यानी योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन, राजनीतिक जीवन, परिवार और मुख्यमंत्री के रूप में प्राप्त की गयी उपलब्धियों के बारें में बताएंगे।
योगी आदित्यनाथ जीवन परिचय
उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में जन्मे योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। जिनका जन्म 5 जून 1972 को हुआ। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे, तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। वहीं 20 अप्रैल 2020 को योगी आदित्यनाथ के पिता आनन्द सिंह बिष्ट की मृत्यु हो गई थी। योगी आदित्यनाथ अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद पांचवें थे एवं इनके बाद इनके दो छोटे भाई हैं। जहां इनकी प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी उत्तराखण्ड के प्राथमिक विद्यालय में हुई। जहां इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। वैसे तो इनका राजनैतिक जीवन बचपन में ही शुरू हो गया था। कॉलेज में इनकी गिनती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उभरते हुए नेताओं में की जाने लगी थी इसलिए इन्होनें छात्र चुनाव संघ में लड़ने की योजना बनाई जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इनको टिकट नहीं दी जिसके चलते योगी ने निर्दलीय सदस्य के रूप में नामांकन भरा जिसमें सन् 1992 में यह चुनाव हार गयें थे।
अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बनने का सफर
जानकारी अनुसार योगी आदित्यनाथ जब कोटद्वार में पोस्ट ग्रेजुएशन की तैयारी कर रहे थे तो इस दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था। जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया। इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। वहीं साल 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए एवं गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, मात्र 22 वर्ष की उम्र में ही योगी ने सांसारिक जीवन को त्यागकर संन्यास आश्रम में प्रवेश किया। जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया। जहां 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बना दिया गया।
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योगी आदित्यनाथ का राजनीति में प्रवेश
महंत अवैद्यनाथ ने जब अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ को बनाया। तब सन् 1998 में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीत गये। तब इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। सन् 2009 में चौथी बार और 2014 मे पांचवी बार योगी आदित्यनाथ ने दो लाख से अधिक वोटों से जीतकर लोकसभा के सांसद चुने गये। 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए जिसके लिए योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरा प्रचार कराया जिसके परिणाम स्वरूप 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यंमत्री पद को सौंपा गया। अब 2022 में फिर से बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीती है और योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर उत्तरप्रदेश का मुख्यंमत्री पद सौंपा गया है। बता दें योगी आदित्यनाथ हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता की है।
योगी आदित्यनाथ जी कैसे कपड़े पहनते है
आइये अब बात करते है की योगी आदित्यनाथ जी कैसे कपड़े पहनते है? तो आपको बता दें योगी जी भगवा रंग का कुर्ता पहनते है। यह कुर्ता “नाखूनी सादा कुर्ता” के नाम से मशहूर है। इसके पीछे एक कारण है क्योंकि इस कुर्ते को सिलने के लिए दर्जी के नाखून बड़े होने चाहिए। तभी वह यह कुर्ता सील सकता है। इसी लिए इसका नाम “नाखूनी सादा कुर्ता” पड़ा है। यह जानकारी योगी जी का कुर्ता सिलने वाले गोरखनाथ मंदिर कॉम्प्लेक्स के बुद्धिराम ने दी है। बुद्धिराम के अनुसार योगी जी को गोल गले वाले कुर्ते ही पसंद हैं।
योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए कुछ मुख्य फैसले
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बहुत सारे अहम फैसले लिए है जिनमें से कुछ मुख्य फैसलों / उपलब्धियां की जानकारी इस प्रकार है।
1- सबसे पहले अवैध स्लॉटर हाउस को बंद करवाया।
2- एंटी रोमियो का अभियान चलाया जिसके चलते महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ी।
3- छोटे किसानों का कर्जा माफ किया।
4- उत्तर प्रदेश में माफिया का सफाया कराया और अपराधियों की अवैध संपत्ति को सीज किया।
5- राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कराने में अहम भूमिका निभाई। करीब 500 सालों के बाद देश दुनिया में हिंदूओं के आराध्य श्री पूरूशोत्तम राम के मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से करवाया।
6- लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया और पहचान छुपाकर महिलाओं के साथ छल करके शादी करने वालों के खिलाफ योगी ने कड़ा कानून बनाया।
7- कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए नया मॉडल प्रस्तुत किया जिससे कोरोना पर काबू पाया गया।
8- उत्तर प्रदेश के नोएडा सिटी में एक बहुत बड़ी फिल्म सिटी बनाने का निर्णय लिया गया।
9- प्रदेश में आ रहे निवेश को लेकर योगी जी ने कहा कि कोरोना काल में भी उत्तर प्रदेश में 56,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है। जिसमें देश की पहली डिस्प्ले यूनिट और डाटा सेंटर पार्क उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहे हैं।
10- गन्ना किसानों: अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों का 1.27 लाख करोड़ रूपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की है।
11- विधुत क्षेत्र में काफी काम हुआ है। योगी आदित्यनाथ जी कहते है की उनके कार्यकाल में जिला मुख्यालय में 24 घंटे, तहसीलों में 20-22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 16-18 घंटों की बिजली आपूर्ति की जा रही है। 1.21 लाख गांवो तक बिजली पहुंचाने का काम राज्य सरकार द्वारा किया गया है।
12- पर्यटन और धार्मिक स्थलों का सौन्दर्यीकरण करना, गंगा नदी की सफाई, राम मंदिर निर्माण, आदि पर्यटन स्थलों में काफी सुधार किया है और जहाँ नवनिर्माण की जरूरत थी वह फिर से निर्माण करवाया गया है।
13- योगी आदित्यनाथ जी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल उत्तर प्रदेश में तीन नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना का काम चल रहा है। इनके कार्यकाल में कई एक्सप्रेस वे, मेट्रो आदि के काम भी हुए है।
आपको बता दें योगी आदित्यनाथ अपने दमदार अंदाज़ और अपनी कर्मठ कार्यशैली के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते है। उन्होंने एक बार कहा था कि दमदार सरकार ऐसी हो जो 'एक हाथ में विकास की छड़ी और दूसरे हाथ में बुलडोजर की स्टेयरिंग' लेकर चल सके। यही कारण है कि इस बार भी उत्तरप्रदेश की जनता ने उन्हें प्यार दिया और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने प्रचंड जीत हासिल कर एक बार फिर पुनः उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
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