ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
षष्ठी, कृष्ण पक्ष
वैशाख
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि------------- षष्ठी 08:41:57 तक
पक्ष--------------------------कृष्ण
नक्षत्र-------- पूर्वाषाढा 20:13:17
योग------------- शिव 07:10:08
योग------------- सिद्ध 28:12:25
करण----------- वणिज 08:41:57
करण--------विष्टि भद्र 19:32:12
वार----------------------- शुक्रवार
माह----------------------- वैशाख 9गते
चन्द्र राशि----------धनु 25:51:26
चन्द्र राशि------------------ मकर
सूर्य राशि-------------------- मेष
रितु------------------------ वसंत
सायन---------------------- ग्रीष्म
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर---------------------- नल
संवत्सर (उत्तर)----------------- नल
विक्रम संवत-----------------2079
विक्रम संवत (कर्तक)--------- 2078
शाका संवत---------------- 1944
कोटद्वार
सूर्योदय--------------- 05:49:21
सूर्यास्त---------------- 18:46:27
दिन काल------------- 12:57:06
रात्री काल------------- 11:01:57
चंद्रास्त---------------- 10:24:26
चंद्रोदय---------------- 25:00:13
लग्न---- मेष 7°42' , 7°42'
सूर्य नक्षत्र----------------- अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र---------------- पूर्वाषाढा
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
धा---- पूर्वाषाढा 09:00:01
फा---- पूर्वाषाढा 14:36:10
ढा---- पूर्वाषाढा 20:13:17
भे---- उत्तराषाढा 25:51:26
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 07:12 अश्विनी , 3 चो
चन्द्र =धनु 18°23 , पू oषाo , 2 धा
बुध =मेष 26 ° 07' भरणी ' 4 लो
शुक्र=कुम्भ 23°05, पू o भा o ' 2 सो
मंगल=कुम्भ 11°30 ' शतभिषा' 2 सा
गुरु=मीन 01°30 ' पू o भा o, 4 दी
शनि=मकर 29°33 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व)वृषभ 29°30' कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 29°30 विशाखा , 3 ते
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 10:41 - 12:18 अशुभ
यम घंटा 15:32 - 17:09 अशुभ
गुली काल 07:26 - 09: 04अशुभ
अभिजित 11:52 -12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 08:25 - 09:17 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:44 - 13:36 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 05:49 - 07:26 शुभ
लाभ 07:26 - 09:04 शुभ
अमृत 09:04 - 10:41 शुभ
काल 10:41 - 12:18 अशुभ
शुभ 12:18 - 13:55 शुभ
रोग 13:55 - 15:32 अशुभ
उद्वेग 15:32 - 17:09 अशुभ
चर 17:09 - 18:46 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 18:46 - 20:09 अशुभ
काल 20:09 - 21:32 अशुभ
लाभ 21:32 - 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 - 24:17 अशुभ
शुभ 24:17 - 25:40 शुभ
अमृत 25:40 - 27:03 शुभ
चर 27:03 - 28:26 शुभ
रोग 28:26 - 29:48 अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 05:49 - 06:54
बुध 06:54 - 07:59
चन्द्र 07:59 - 09:04
शनि 09:04 - 10:08
बृहस्पति 10:08 - 11:13
मंगल 11:13 - 12:18
सूर्य 12:18 - 13:23
शुक्र 13:23 - 14:27
बुध 14:27 - 15:32
चन्द्र 15:32 - 16:37
शनि 16:37 - 17:42
बृहस्पति 17:42 - 18:46
🚩होरा, रात
मंगल 18:46 - 19:42
सूर्य 19:42 - 20:37
शुक्र 20:37 - 21:32
बुध 21:32 - 22:27
चन्द्र 22:27 - 23:22
शनि 23:22 - 24:17
बृहस्पति 24:17 - 25:13
मंगल 25:13 - 26:08
सूर्य 26:08 - 27:03
शुक्र 27:03 - 27:58
बुध 27:58 - 28:53
चन्द्र 28:53 - 29:48
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मेष > 04:32 से 06:21 तक
वृषभ > 06:21 से 08:14 तक
मिथुन > 08:14 से 10:27 तक
कर्क > 10:27 से 12:44 तक
सिंह > 12:44 से 14:56 तक
कन्या > 14:56 से 07:08 तक
तुला > 07:08 से 07:23 तक
वृश्चिक > 07:23 से 09:39 तक
धनु > 09:39 से 23:44 तक
मकर > 23:44 से 01:30 तक
कुम्भ > 01:30 से 03:03 तक
मीन > 03:03 से 04:32 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 6 + 6 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 8:42 से रात्रि 19:34 तक
पाताल लोक = धनलाभा कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* बूढ़ा बसोडा
* विश्व पृथ्वी दिवस
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
आयुः कर्म च वित्तञ्च विद्या निधनमेव च ।
पञ्चैतानि च सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः ।।
।। चा o नी o।।
जब बच्चा माँ के गर्भ में होता है तो यह पाच बाते तय हो जाती है...
१. कितनी लम्बी उम्र होगी.
२. वह क्या करेगा
३. और
४. कितना धन और ज्ञान अर्जित करेगा.
५. मौत कब होगी.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: पुरुषोत्तमयोग अo-15
अधश्चोर्ध्वं प्रसृतास्तस्य शाखा गुणप्रवृद्धा विषयप्रवालाः ।,
अधश्च मूलान्यनुसन्ततानि कर्मानुबन्धीनि मनुष्यलोके ॥,
उस संसार वृक्ष की तीनों गुणोंरूप जल के द्वारा बढ़ी हुई एवं विषय-भोग रूप कोंपलोंवाली ( शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गन्ध -ये पाँचों स्थूलदेह और इन्द्रियों की अपेक्षा सूक्ष्म होने के कारण उन शाखाओं की 'कोंपलों' के रूप में कहे गए हैं।,) देव, मनुष्य और तिर्यक् आदि योनिरूप शाखाएँ (मुख्य शाखा रूप ब्रह्मा से सम्पूर्ण लोकों सहित देव, मनुष्य और तिर्यक् आदि योनियों की उत्पत्ति और विस्तार हुआ है, इसलिए उनका यहाँ 'शाखाओं' के रूप में वर्णन किया है) नीचे और ऊपर सर्वत्र फैली हुई हैं तथा मनुष्य लोक में ( अहंता, ममता और वासनारूप मूलों को केवल मनुष्य योनि में कर्मों के अनुसार बाँधने वाली कहने का कारण यह है कि अन्य सब योनियों में तो केवल पूर्वकृत कर्मों के फल को भोगने का ही अधिकार है और मनुष्य योनि में नवीन कर्मों के करने का भी अधिकार है) कर्मों के अनुसार बाँधने वाली अहंता-ममता और वासना रूप जड़ें भी नीचे और ऊपर सभी लोकों में व्याप्त हो रही हैं।, ॥,2॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विरोध होगा। विवाद से क्लेश होगा, इससे बचें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐂वृष
शत्रु सक्रिय रहेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
👫मिथुन
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बढ़ सकती है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति की बातों में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें, लाभ होगा।
🦀कर्क
धनहानि संभव है, सावधानी रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से बचें। शत्रु शांत रहेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा।
🐅सिंह
कष्ट, तनाव व चिंता का वातावरण बन सकता है। शत्रु पस्त होंगे। धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने में रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा।
🙍♀️कन्या
कष्ट, तनाव व चिंता का वातावरण बन सकता है। शत्रु पस्त होंगे। धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने में रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा।
⚖️तुला
पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत का आशीवार्द मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। प्रमाद न करें।
🦂वृश्चिक
पुराना रोग उभर सकता है। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। किसी व्यक्ति के व्यवहार से अप्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य विलंब से होंगे। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। किसी व्यक्ति विशेष की नाराजी झेलना पड़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🏹धनु
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। नौकरी में शांति रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग रहेगा। कार्य समय पर पूर्ण होंगे।
🐊मकर
जल्दबाजी न करें। कोई समस्या खड़ी हो सकती है। शरीर शिथिल हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेगे। प्रमाद न करें।
🍯कुंभ
यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य प्रभावित होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न उठाएं।
🐟मीन
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेचैनी रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
मोबाइल नंबर - 91 78953 06243
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