उत्तर नारी डेस्क
पहले नेकी फिर इबादत, हर धर्म इंसान को यही शिक्षा देता है। उत्तराखण्ड पुलिस के जवान ने इसकी मिसाल पेश की है। उन्होंने रमजान के इस पाक महीने में रोजा तोड़कर एक बच्चे का जीवन रक्तदान करके बचाया। देहरादून के हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रान्ट में गम्भीर रूप से बीमार एक 12 वर्षीय बच्चे को खून की आवश्यकता थी। इस सूचना पर SSP कार्यालय में तैनात आरक्षी शाहनवाज ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर समय से पहले रोजा तोड़कर बच्चे को खून देकर उसकी जान बचाई। बता दें, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पीआरओ शाखा में तैनात कांस्टेबल शाहनवाज ने बताया कि सोमवार को उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सूचना मिली कि जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में 12 वर्षीय बच्चा भर्ती है, जिसकी हालत बेहद गंभीर है। बच्चे को 'ओ पाजिटिव' खून की आवश्यकता है, जो काफी प्रयास करने के बाद भी नहीं मिल पाया। जिस पर कांस्टेबल शाहनवाज ने तुरन्त अस्पताल पहुंचकर, उक्त बालक की सहायतार्थ स्वेच्छा से रक्तदान किया। वर्तमान में रमजान का पवित्र महिना चल रहा हैै। जिस कारण उक्त आरक्षी द्वारा रोजा भी रखा हुआ था, जिस कारण आरक्षी द्वारा अपना रोजा तोडकर रक्तदान किया गया। जिस पर बालक के परिजनों द्वारा उक्त आरक्षी तथा देहरादून पुलिस का धन्यवाद करते हुए देहरादून पुलिस की कार्यशैली की भूरी-भूरी प्रशंसा की गयी। कांस्टेबल शाहनवाज इससे पूर्व भी लगभग 50 से अधिक बार रक्त दान कर चुका है। वहीं, शाहनवाज ने बताया कि वह बच्चे के जल्द स्वस्थ होने के लिए अल्लाह से दुआ कर रहे हैं।
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