उत्तर नारी डेस्क

बता दें, विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार प्रचंड बहुमत से दूसरी बार सरकार तो बनाई लेकिन पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। भाजपा ने हार के बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और फिर निवर्तमान विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सीएम धामी के लिए अपनी सीट छोड़ दी। माना यह जा रहा है कि खटीमा से चंपावत सीट सटी हुई है और ऐसे में भाजपा को लोगों तक पहुंचने में ज्यादा परेशानी ना हो, इसलिए सीएम के लिए चंपावत सीट तय की गई। वहीं कांग्रेस भी खटीमा जैसा कारनामा दोबारा करने के मूड से मैदान पर उतर रही है और इसलिए उसने अनुभवी नेता को मैदान पर उतारा है। निर्मला कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुकी है। इस सीट पर 2002 से 2022 तक इस सीट पर तीन बार बीजेपी जीती, जबकि 2 बार कांग्रेस ने बाजी मारी।
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