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आज का पंचांग और राशिफल - भागवताचार्य आयुर्वेद रत्न, ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी के साथ

पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी 

दिनाँक:-29/05/2022, रविवार

चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष

ज्येष्ठ

""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)


तिथि---------- चतुर्दशी 14:54:23      तक    

पक्ष------------------------- कृष्ण

नक्षत्र--------- कृत्तिका 31:11:07

योग-----------अतिगंड 22:51:52

करण----------- शकुनी 14:54:23

करण----------चतुष्पद 27:54:42

वार------------------------ रविवार

माह------------------------- ज्येष्ठ15गते

चन्द्र राशि---------  मेष 11:14:30

चन्द्र राशि------------------  वृषभ

सूर्य राशि--------------------  वृषभ

रितु------------------------- ग्रीष्म

आयन------------------ उत्तरायण

संवत्सर----------------------- नल

संवत्सर (उत्तर)----------------नल

विक्रम संवत---------------- 2079

विक्रम संवत (कर्तक)----------2078 

शाका संवत---------------- 1944


कोटद्वार उत्तराखण्ड 

सूर्योदय--------------- 05:26:04

सूर्यास्त---------------- 19:07:23

दिन काल------------- 13:41:19

रात्री काल------------- 10:18:25

चंद्रोदय--------------- 05:45:16

चंद्रास्त---------------- 18:16:27


लग्न---- वृषभ 13°28' , 43°28'


सूर्य नक्षत्र----------------- रोहिणी

चन्द्र नक्षत्र---------------- कृत्तिका

नक्षत्र पाया------------------- लोहा


🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩


अ---- कृत्तिका 11:14:30


ई---- कृत्तिका 17:52:16


उ---- कृत्तिका 24:31:10


💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

==========================

सूर्य=वृषभ      13:12    रोहिणी ,      2       वा

चन्द्र = मेष 27°23  ,  कृतिका   ,    1       अ

बुध =वृषभ 02  ° 07'    कृतिका    '   2      ई

शुक्र=मेष    06°05,   अश्विनी        '  2        चे       

मंगल=मीन  08°30  '    उoभाo'    2      थ

गुरु=मीन  09°30 '   उ o भा o,      2         थ

शनि=कुम्भ 01°33 '      उ o भा o   '  3      गु        

राहू=(व) मेष  27°30'    कृतिका ,   1        अ

केतु=(व) तुला 27°30    विशाखा , 3         ते


🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩


राहू काल 17:25 - 19:07 अशुभ

यम घंटा 12:17 - 13:59 अशुभ

गुली काल 15:42 - 17:25 अशुभ

अभिजित 11:49 -12:44 शुभ

दूर मुहूर्त 17:18 - 18:13 अशुभ


💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 05:26 - 07:09 अशुभ

चर 07:09 - 08:51 शुभ

लाभ 08:51 - 10:34 शुभ

अमृत 10:34 - 12:17 शुभ

काल 12:17 - 13:59 अशुभ

शुभ 13:59 - 15:42 शुभ

रोग 15:42 - 17:25 अशुभ

उद्वेग 17:25 - 19:07 अशुभ


🚩चोघडिया, रात

शुभ 19:07 - 20:25 शुभ

अमृत 20:25 - 21:42 शुभ

चर 21:42 - 22:59 शुभ

रोग 22:59 - 24:17 अशुभ

काल 24:17 - 25:34 अशुभ

लाभ 25:34 - 26:51 शुभ

उद्वेग 26:51 - 28:09 अशुभ

शुभ 28:09 - 29:26 शुभ


💮होरा, दिन

सूर्य 05:26 - 06:35

शुक्र 06:35 - 07:43

बुध 07:43 - 08:51

चन्द्र 08:51 - 09:59

शनि 09:59 - 11:08

बृहस्पति 11:08 - 12:17

मंगल 12:17 - 13:25

सूर्य 13:25 - 14:34

शुक्र 14:34 - 15:42

बुध 15:42 - 16:51

चन्द्र 16:51 - 17:59

शनि 17:59 - 19:07


🚩होरा, रात

बृहस्पति 19:07 - 19:59

मंगल 19:59 - 20:50

सूर्य 20:50 - 21:42

शुक्र 21:42 - 22:34

बुध 22:34 - 23:25

चन्द्र 23:25 - 24:17

शनि 24:17 - 25:08

बृहस्पति 25:08 - 25:59

मंगल 25:59 - 26:51

सूर्य 26:51 - 27:43

शुक्र 27:43 - 28:34

बुध 28:34 - 29:26


🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल  💮🚩 


वृषभ   > 03:54  से  05:52   तक

मिथुन  > 05:52  से  08:05  तक

कर्क    > 08:05  से  10:22  तक

सिंह    > 10:22   से 12:30  तक

कन्या  >  12:30  से  14:46  तक

तुला   >  14:46   से   17:01  तक

वृश्चिक > 17:01   से  19:22 तक

धनु     > 19:22   से   21:22 तक

मकर   > 21:22   से 23:08   तक

कुम्भ   > 11:08  से  00:41  तक

मीन    > 00:41  से 02:07  तक

मेष     > 02:07   से  03:54 तक


🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l

भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll


🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,

चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।

दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,

नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्

नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।


  15 + 14 + 1  + 1 = 31  ÷ 4 = 3 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l


🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


 केतु ग्रह मुखहुति


💮    शिव वास एवं फल -:


  29 + 29 + 5 =  63 ÷ 7 =0  शेष


 शमशान वास = मृत्यु कारक


🚩भद्रा वास एवं फल -:


स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।

मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।


💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮


श्री शशिमोहन दास त्रिरोभाव दिवस


फलहारिणी कालिका पूजा (बंगाल)


चौधरी चरणसिंह पुण्य तिथि


मुनि शान्तिनाथ जयन्ती


💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮


अग्निहोत्रं विना वेदाः न च दानं विना क्रियाः ।

न भावेनविना सिध्दिस्तस्माद्भावो हि कारणम् ।।

।।चा o नी o।।


  यह बाते बेकार है. वेद मंत्रो का उच्चारण करना लेकिन निहित यज्ञ कर्मो को ना करना. यज्ञ करना लेकिन बाद में लोगो को दान दे कर तृप्त ना करना. पूर्णता तो भक्ति से ही आती है. भक्ति ही सभी सफलताओ का मूल है.


🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩


गीता -: दैवासुरसम्पद्विभागयोग अo-16


एतैर्विमुक्तः कौन्तेय तमोद्वारैस्त्रिभिर्नरः।,

आचरत्यात्मनः श्रेयस्ततो याति परां गतिम्‌॥,


हे अर्जुन! इन तीनों नरक के द्वारों से मुक्त पुरुष अपने कल्याण का आचरण करता है (अपने उद्धार के लिए भगवदाज्ञानुसार बरतना ही 'अपने कल्याण का आचरण करना' है), इससे वह परमगति को जाता है अर्थात्‌ मुझको प्राप्त हो जाता है॥,22॥,


💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।


🐂वृष

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें।


👫मिथुन

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा। संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूँजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें।


🦀कर्क

क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।


🐅सिंह

मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।


🙍‍♀️कन्या

मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।


⚖️तुला

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।


🦂वृश्चिक

वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।


🏹धनु

नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।


🐊मकर

नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।


🍯कुंभ

कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।


🐟मीन

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी।

कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी

मोबाइल नंबर - 91 78953 06243

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