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आज का पंचांग और राशिफल - भागवताचार्य आयुर्वेद रत्न, ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी के साथ

पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी 

दिनांक :-23-अक्टूबर-2022

वार :-----------रविवार

तिथी :-------13त्रयोदशी:-18:02

पक्ष:---------कृष्णपक्ष

माह:---------कार्तिक 8गते

नक्षत्र:----उत्तराफाल्गुनी:-14:34

योग:------ऐन्द्र:-16:06

करण:------वणिज:-18:03

सूर्य ---------तुला

चन्द्रमा:------कन्या

मंगल --------मिथुन

बुध -------कन्या

गुरु --------मीन

शुक्र --------तुला

शनि-------मकर

राहू ---------मेष

केतु ---------तुला

सुर्योदय:------06:37

सुर्यास्त:------17:54

दिशा शूल------पश्चिम

निवारण उपाय:---पान का सेवन

ऋतु :-------शरद्-हेमंत

गुलीक काल:---15:08से 16:34

‌राहू काल:-------16:34से17:59

अभीजित-------11:48से12:44

विक्रम सम्वंत  .........2079

शक सम्वंत ............1944

युगाब्द ..................5124

सम्वंत सर नाम:------नल 


      🌞चोघङिया दिन🌞

चंचल:-07:54से09:26तक

लाभ:-09:26से10:52तक

अमृत:-10:52से12:17तक

शुभ:-13:43से15:08तक

      🌓चोघङिया रात🌗

शुभ:-18:00से19:44तक

अमृत:-19:44से21:22तक

चंचल:-21:22से22:54तक

लाभ :-02:04से03:36तक

शुभ :-05:10से06:45तक


  🌲आज के विशेष योग🌲

   वर्ष का 204वाँ दिन, भद्रा प्रारंभ 18:03 से 29:50 तक पाताल-लोक शुभ पूर्व, मासशिवरात्रि काली चौदस, दिपदान, राष्ट्रीय कार्तिक मास प्रारंभ, सूर्य सायन वृश्चिक में 16:07, सौर हेमंत ऋतु प्रारंभ, काली भैरव-हनुमान पूजन, धन्वन्तरी जन्म उत्सव (उत्तर भारत),

शनि मार्गी 09:36, अमृतसिद्ध योग

14:34से सूर्योदय,


   🌺 👉वास्तु टिप्स👈🌺

 तिजोरी वाले कमरे में कबाड़  या मकड़ी के जाले नही होने दे।,आज के दिन झाडू, सावुत धनिया अवश्य खरीदें।


🔯 तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-

👩🏻 रूप चतुर्दशी पर्व :-

कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्रत ,चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी आती है। इस दिन सौंदर्य रूप श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसा करने से भगवान सुंदरता देते हैं। इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। यह त्यौहार नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी या नर्का पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है। दीपावली को एक दिन का पर्व कहना न्योचित नहीं होगा। इस पर्व का जो महत्व और महात्मय है उस दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण पर्व व हिन्दुओं का त्यौहार है। यह पांच पर्वों की श्रृंखला के मध्य में रहने वाला त्यौहार है जैसे मंत्री समुदाय के बीच राजा।

इसी दिन कृष्ण ने एक दैत्य नरकासुर का संहार किया था। सूर्योदय से पूर्व उठकर, स्नानादि से निपट कर यमराज का तर्पण करके तीन अंजलि जल अर्पित करने का विधान है। संध्या के समय दीपक जलाए जाते हैं। मान्‍यताओं के अनुसार, नरकासुर एक अधर्मी राजा था जिसने कई राजाओं, ब्राह्मणों और कन्‍याओं को बंदी बनाया हुआ था। उसके अधर्मी कृत्‍यों से देवता भी परेशान थे। लेकिन उसे वरदान था क‍ि उसकी मृत्‍यु उसी के हाथ होगी जो उस समय अपनी पत्‍नी के साथ होगा। इस पर देवताओं के आह्वान पर श्रीकृष्‍ण ने इस असुर का नाश करने का फैसला किया। श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बनाकर नरकासुर का वध किया। वध के बाद नरकासुर का शव जमीन में चला जाता है जिस पर भू माता प्रकट होकर श्री कृष्ण को नरकासुर पूरी कथा बताती हैं।

🌚 काली चौदस का महत्‍व :-

इस दिन को काली चौदस के रूप में भी मनाया जाता है। इसका अर्थ भी बुराई पर अच्छाई की जीत ही है। इस दिन खासतौर पर महाकाली की पूजा की जाती है। इस दिन आलस और बुराई को हटाकर जिंदगी में सच्चाई की रोशनी की मांग की जाती है।

📜 रूप चतुर्दशी कथा :-

रूप चतुर्दशी की कथा के अनुसार एक समय भारत वर्ष में हिरण्यगर्भ नामक नगर में एक योगिराज रहते थे। उन्होंने अपने मन को एकाग्र करके भगवान में लीन होना चाहा। अत: उन्होंने समाधि लगा ली। समाधि लगाए कुछ ही दिन ‍बीते थे कि उनके शरीर में कीड़े पड़ गए। बालों में भी छोटे-छोटे कीड़े लग गए। आंखों की रोओं और भौंहों पर जुएं जम गईं। ऐसी दशा के कारण योगीराज बहुत दुखी रहने लगे। इतने में ही वहां नारदजी घूमते हुए वीणा और करताल बजाते हुए आ गए। तब योगीराज बोले- हे भगवान मैं भगवान के चिंतन में लीन होना चाहता था, परंतु मेरी यह दशा क्यों गई?

तब नारदजी बोले- हे योगीराज! तुम चिंतन करना जानते हो, परंतु देह आचार का पालन नहीं जानते हो। इसलिए तुम्हारी यह दशा हुई है। तब योगीराज ने नारदजी से देह आचार के विषय में पूछा। इस पर नारदजी बोले- देह आचार से अब तुम्हें कोई लाभ नहीं है। पहले जो मैं तुम्हें बताता हूं उसे करना। फिर देह आचार के बारे में बताऊंगा।

थोड़ा रुककर नारदजी ने कहा- इस बार जब कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आए तो तुम उस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा ध्यान से करना। ऐसा करने से तुम्हारा शरीर पहले जैसा ही स्वस्थ और रूपवान हो जाएगा।

योगीराज ने ऐसा ही किया और उनका शरीर पहले जैसा हो गया। उसी दिन से इसको रूप चतुर्दशी भी कहते हैं।


       सुविचार

भगवान् से विमुख होते ही जीव अनाथ हो जाता है।


   💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿

गैस भगाने के लिए अजवाइन -

अजवाइन न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि यह आपको पेट से जुड़ी कई बीमारि‍यों को भी दूर रखने में सहायता करता है। अजवाइन के बीज में थाइमोल नामक कंपाउंड होते है जो गैस्ट्रिक और पाचन में सहायता करते हैं। अगर आप अच्छा महसूस करना चाहते हैं तो दिन में एक बार पानी के साथ आधा चम्मच आजवाइन के बीज का सेवन कीजिए आपको जरूर फायदा होगा।

 

      🐑🐂 राशिफल🐊🐬

🐏 राशि फलादेश मेष :-

जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शत्रुभय रहेगा। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कोर्ट व कचहरी के कार्य निबटेंगे। व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। छोटे भाइयों का सहयोग मिलेगा। धनार्जन होगा।

🐂 राशि फलादेश वृष :-*

शत्रुभय रहेगा। भूमि, भवन, दुकान व ऑफिस इत्यादि खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। 

👫 राशि फलादेश मिथुन :-

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। फालतू व्यय होगा। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। भय रहेगा। प्रमाद न करें। 

🦀 राशि फलादेश कर्क :-

लेन-देन में सावधानी रखें। किसी अपने वाले के व्यवहार से दिल को चोट पहुंच सकती है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। भागदौड़ रहेगी। अपेक्षित कार्यों में विलंब से चिंता तथा तनाव रहेंगे। 

🦁 राशि फलादेश सिंह :-

पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। चिंता, भय व कष्ट का वातावरण बन सकता है। नए उपक्रम प्रारंभ करने का साहस कर पाएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

👱🏻‍♀ राशि फलादेश कन्या :-

लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-परिवार में अतिथियों का आगमन होगा। व्ययवृद्धि होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। 

⚖ राशि फलादेश तुला :-

जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के योग हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। बेचैनी रहेगी। जल्दबाजी न करें। 

🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-

विवाद में न पड़ें। कानूनी अड़चन आ सकती है। फालतू खर्च होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। कार्य में देरी होगी। तनाव रहेगा। बेचैनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें, गुम हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। प्रमाद न करें। 

🏹 राशि फलादेश धनु :-

किसी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। लेन-देन में सावधानी रखें। अज्ञात भय सताएगा। शारीरिक कष्ट संभव है। सुख के साधन जुटेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा से लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। 

🐊 राशि फलादेश मकर :-

ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। राज मान में वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।

🏺 राशि फलादेश कुंभ :-

सुख के साधन जुटेंगे। विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य निबटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भय रहेगा। व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। स्वार्थी तत्वों से दूर रहें। 

🐋 राशि फलादेश मीन :-

शारीरिक कष्ट संभव है। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। भाग्य विपरीत है। सावधानी आवश्यक है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। विवाद न करें। आय में कमी रहेगी। 

कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबन

मोबाइल नंबर - 91 78953 06243

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