उत्तर नारी डेस्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को संस्कृत की उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए वाराणसी, जयपुर, केरल, हरिद्वार इत्यादि जैसे शहरों में जाना पड़ता था। इस परिसर के खुलने से यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो गयी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस परिसर पर विशेष फोकस है। प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार इस परिसर के निर्माण और विकास कार्यों की निगरानी करता है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संस्कृत और उत्तराखण्ड राज्य के प्रति प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस अवसर पर विधायक विनोद कंडारी , स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वाराखेड़ी, परिसर के निदेशक डा. पीवीबी सुब्रह्मण्यम एव अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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