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चीन की स्कूलों में पढ़ाई जा रही है उत्तराखण्ड के देव रतूड़ी की कहानी, आप भी पढ़ें

उत्तर नारी डेस्क 

कहते हैं कि अगर आप के अंदर प्रतिभा है तो आज नहीं तो कल सफलता अवश्य मिलेगी। इसी उदाहरण को सच साबित कर दिखाया है उत्तराखण्ड के टिहरी गढ़वाल जिले के देव रतूडी ने। जो आज फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुके हैं। जी नहीं, न तो बॉलीवुड के और न ही साउथ की फिल्मों के लिए बल्कि उन्होंने चीन की फिल्म इंडस्ट्री में अपने हुनर का डंका बजाया है। साल 2005 में एक वेटर के तौर पर काम करने चीनी पहुंचे देव अब तक 20 से ज्‍यादा चीनी फिल्‍मों, टीवी और वेब सीरीज में अहम किरदार निभा चुके हैं। विशेष यह कि देव की संघर्ष गाथा को प्रेरक कहानी के रूप में चीन के सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है- ‘rags-to-riches tale’ के शीर्षक से। बच्चे उनके जीवन पर आधारित कहानी को स्कूली किताब में पढ़ रहे हैं।

बता दें, देव रतूड़ी का जन्म 1976 में उत्तराखण्ड के टिहरी गढ़वाल जिले के छोटे से गांव केमरिया में हुआ था। वह मशहूर दिवंगत एक्‍टर और मार्शल कलाकार ब्रूस ली के बड़े फैन है। उनके पिता किसान हैं। देव रतूड़ी की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज चमियाला (लाटा) में हुई। दसवीं की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1998 में देव रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गए। मन में एक्टर बनने की चाह थी, इसलिए सबसे पहले उन्होंने वहां मार्शल आर्ट सीखी। इसके बाद रतूड़ी ने एक्टर बनने के लिए मुंबई का रुख किया. मुंबई पहुंचने के बाद उन्होंने कड़ा संघर्ष किया। लगातार ऑडिशन दिए लेकिन सफलता नहीं मिली। 

बताया जा रहा है कि देव ने साल 2005 में बीजिंग के एक रेस्ट्रॉन्ट में वेटर का काम किया। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि '2005 में मैंने शैन्ज़ेन शहर में एक वेटर की तरह काम शुरू किया। तब मुझे अपने काम के लिये 10,000 भारतीय रूपये मिलते थे। मैं दिन में काम करता और रात के समय मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेता। कुछ समय बाद मुझे स्थनीय लोगों से पता चला कि मुझे मार्शल आर्ट्स की आगे की ट्रेनिंग के लिये शाउलिन टेम्पल जाना होगा। मेरी माली-हालत ऐसी न थी कि में शाउलिन टेम्पल जाकर ट्रेनिंग कर सकता। मेरे पास संघर्ष करने के अलावा कोई चारा न था। अगले सात बरसों तक मैंने संघर्ष किया। 2 साल वेटर की नौकरी के बाद मैंने मैनेजर के रूप में एक जर्मन रेस्टोरेंट में नौकरी शुरू की। मैंने अपनी स्किल पर काम किया और 2010 में रेस्टोरेंट चेन का एरिया डायरेक्टर नियुक्त किया गया। साल 2012 में मैंने ख़ुद का रेस्टोरेंट खोला जिसका नाम है ‘रेड फोर्ट।'

देव रतूड़ी की अपने रेस्टोरेंट में एक चीनी डायरेक्टर से मुलाक़ात हुई। उन्होंने देव को स्पेशल स्वाट (Special Swat) नाम की एक वेब सीरीज़ में काम ऑफर किया। देव ने हां कर दी और एक्टिंग के जिस शौक को सालों पहले छोड़ दिया था उसे पूरा किया। तब से अब तक उन्होंने 35 से ज़्यादा चीनी फिल्‍मों, टीवी और वेब सीरीज़ में काम किया है। इनमें 'माई रूममेट इज ए डिटेक्टिव' जैसे टीवी शोज़ शामिल हैं। आज देव 8 रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं, जिनमें 50 से अधिक उत्तराखण्डियों को रोजगार भी मिल रहा है। वर्तमान में देव की पहचान चीन के उद्योगपतियों में होती है, जो टिहरी जिले के साथ ही उत्तराखण्ड एवं देश के लिए गौरव की बात है।

देव रतूड़ी को मिले सम्मान -

सीईओ इनसाइट मैगजीन द्वारा चीन में शीर्ष 10 भारतीय बिजनेस लीडर्स

शीआन म्युनिसिपल पीपुल्स गवर्नमेंट इंफॉर्मेशन ऑफिस सम्मान

शीआन प्रेस मीडिया ग्रुप (शीआन डेली) ऑफिस ऑफ फॉरेन अफेयर्स कमेटी ऑफ शीआन म्युनिसिपल पार्टी द्वारा सम्मानित

ऑनर सर्टिफिकेट- देव रतूड़ी लघु वीडियो "द स्टोरी ऑफ़ ओल्ड शीआन' के लिए पुरस्कार

WCRC द्वारा 2022 वर्ल्ड इमर्जिंग बिजनेस लीडर के रूप में नामित

सिलिकॉन इंडिया मैगज़ीन द्वारा शीर्ष दस सबसे संभावित रेस्तरां श्रृंखलाओं में से एक के रूप में नामित

हांगकांग इंटरनेशनल कलिनरी आर्ट्स एसोसिएशन के सदस्य

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सलाहकार (चाइना फूड कल्चर रिसर्च एसोसिएशन द्वारा सम्मानित)

शीआन में सर्वश्रेष्ठ 10 विदेशी मित्र सम्मान

शीआन में अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक की 7वीं कक्षा में देव रतूड़ी की जीवनी

"माई रूममेट इज डिटेक्टिव" के लिए सलीम के रूप में देव रतूड़ी को बेस्ट रिवर्सल अवॉर्ड ऑफ द ईयर

पश्चिमी शैली की पत्रिका द्वारा शानक्सी में शीर्ष 100 बेहतरीन उद्यमी सम्मान

भारतीय मीडिया हिलमेल द्वारा उत्तराखण्ड, भारत में 50 प्रसिद्ध व्यवसायी चुना गया

शीआन, बाओजी चैंबर ऑफ कॉमर्स की विदेश मामलों की समिति के उप निदेशक हैं

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