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उत्तराखण्ड : यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार, जल्द होगा लागू

उत्तर नारी डेस्क 

धामी सरकार ने उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू करने का संकल्प लिया था। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तेजी से कदम बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञ समिति ने बनाने का कार्य पूरा कर लिया है। सभी वर्गों, धर्मों व राजनीतिक दलों से संवाद के बाद ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। माना जा रहा है कि जुलाई के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री को समिति ड्राफ्ट सौंप देगी।

बता दें, प्रदेश सरकार ने 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसमें चार सदस्य शामिल किए गए। बाद में इसमें सदस्य सचिव को भी शामिल किया गया। इस समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया। इसी वर्ष मई में इसका कार्यकाल चार माह के लिए बढ़ाया गया विशेषज्ञ समिति के 13 माह के कार्यकाल में अभी तक 52 बैठकें हो चुकी है और समिति को 2.50 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।

समिति ने अपने कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समुदाय व जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय व्यक्तियों से भी सुझाव लिए समिति प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों से भी इस संबंध में सुझाव ले चुकी है। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में गठित समिति में जस्टिस प्रमोद कोहली (सेनि) उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवात और सामाजिक कार्यकर्ता मन गौड़ शामिल है। समिति के सदस्य सचिव अजय मिश्रा है।

क्या है यूनिफार्म सिविल कोड
यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून। चाहे व्‍यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।

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