उत्तर नारी डेस्क
राजकीय महाविद्यालय कण्वघाटी कोटद्वार के देवभूमि उद्यमिता केंद्र के तत्वाधान में संचालित बारह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के सातवें दिवस के प्रथम सत्र में नोडल अधिकारी देव भूमि उद्यमिता योजना डॉ. विनय देवलाल ने छात्र-छात्राओं को सफल उद्यमियों की केस स्टडी के विषय में विस्तार से जानकारियां दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उद्योगों की सफलता व जोखिम के विषय में बताते हुए कहा कि खराब योजना, अपर्याप्त जानकारियां तथा मार्केटिंग का सही विश्लेषण न करने के कारण अधिकांश व्यवसाय असफल हो जाते हैं। एक सफल उद्यमी को आशावादी, दूरदर्शी, जोखिम उठाने योग्य तथा सहनशील और लचीला होना अति आवश्यक है। उधम की सफलता हेतु यह सभी गुण एक उद्यमी को सफल होने में मदद देते हैं।
डॉ. विनय देवलाल ने बताया कि उधम की सफलता के लिए सही समय पर उधम की स्थापना सफल होने की संभावनाओं को बढ़ाता है। केस स्टडी के विषय में विस्तार पूर्वक बताते हुए उन्होंने समस्त प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के ग्रुप बनाकर उन्हें केस स्टडी असाइनमेंट दिए जिसे प्रत्येक टीम के टीम लीडर द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसमें रिया चौधरी ने लिज्जत पापड़ बनाने वाली जसवंती बेन जमुना दास पोपट के विषय में केस स्टडी प्रस्तुत की तथा उनके प्रारंभिक संघर्ष प्रेरणा व समस्याओं के विषय में बताते हुए समस्त केस स्टडी को प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रियांग व प्रियांशु खंतवाल द्वारा एमडीएच मसाले की केस स्टडी की गई। वहीं ऋषभ डबराल, दीपक, नेहा ने बम्बू इंडिया के विषय में केस स्टडी की समस्त जानकारियां प्रतिभागियों के मध्य प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में स्थानीय सफल उद्यमी सुभाष जखमोला द्वारा अपने स्वयं की संघर्ष समस्याओं चुनौतियों तथा सफलता को साझा किया गया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इस विषय में जानकारी देते हुए कहा कि अगर आपका आईडिया सुनियोजित है तो आप सफल होने में काफी हद तक कामयाब होंगे, आपका आइडिया सुनियोजित नहीं है तो आप समस्याओं के दलदल में फंस सकते हैं। उन्होंने अपनी स्वयं के उद्यम की विषय में विस्तार से परिचर्चा की तथा प्रतिभागियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि किसी भी उधम को स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने उद्यम के विषय में समस्त जानकारियां पूर्व में स्थापित उद्योगों से ले और उसका विश्लेषण करें। साथ ही किसी भी व्यापार को प्रारंभ करने में उन्हें नवाचार योजनाओं को शामिल करना अति आवश्यक है। व्यापार में नवीन तकनीकी साधनों तथा नवीन तकनीक को शामिल करते रहने से एक उद्यमी स्वयं तो विकास करता ही है साथ ही उसके यहां कार्य करने वाले कर्मचारी भी विकास करते हैं। उन्होंने बाजार विश्लेषण के द्वारा अपनी व्यवसाय को कैसे उन्होंने सफल बनाया उसके विषय में जानकारी दी तथा फीजिबिलिटी निकालकर व्यवसाय को सफल बनाने के विषय में भी बताया। स्थानीय उद्यमी द्वारा संचालित किए जा रहे उद्यम की विस्तार पूर्वक जानकारी समस्त प्रतिभागियों को दी।
कार्यक्रम के तृतीय सत्र में डॉ. उषा सिंह ने व्यवसायिक योजना तैयार करने के लिए प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा की व्यवसायिक योजना सफलता का रोड मैप है और उद्यमियों को महत्वपूर्ण व्यावसायिक निर्णय लेने में मददगार है। चतुर्थ सत्र में डॉ. विनय देवलाल ने व्यवसायिक योजना के तैयारी को समझाते हुए कहा की व्यवसायिक योजना अपने विचारों को व्यवस्थित करने और अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों की पहचान करने में मदद करती है। समस्त कार्यक्रम में सुश्री मनीषा सरवालिया एवं आशीष कुमार आदि उपस्थित रहे।