उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के छोटे से गांव दुगड़ाकोट के बेटे महेंद्र कुमार आर्य रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं और अब वे अंटार्कटिका जैसे दुर्गम व अत्यंत ठंडे महाद्वीप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बता दें, महेंद्र का जीवन संघर्षों और प्रेरणाओं से भरा रहा है। एक साधारण ग्रामीण परिवार में जन्मे महेंद्र के पिता दौलत राम ने खेतों में मेहनत कर अपने छह बच्चों को पढ़ाया-लिखाया। वहीं, कनाडा में रहने वाले बड़े भाई ने भी शिक्षा में अहम भूमिका निभाई।परिवार के त्याग और महेंद्र की दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाया, जिसकी कल्पना बहुत कम लोग कर पाते हैं।
महेंद्र कुमार आर्य ने बताया कि वह 23 अक्टूबर को अंटार्कटिका के लिए रवाना होंगे और वहां मैत्री और भारती नामक भारतीय स्थायी अनुसंधान केंद्रों पर हिम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन से जुड़े शोध कार्यों में भाग लेंगे। यह अभियान 28 फरवरी 2026 तक चलेगा। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे इस अभियान में शामिल होने का अवसर मिला है।